अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर शासकीय कन्या महाविद्यालय में हुआ विधिक जागरूकता कार्यक्रम

अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर शासकीय कन्या महाविद्यालय में हुआ विधिक जागरूकता कार्यक्रम

गजेंद्र ठाकुर✍️ सागर। प्रधान जिला न्यायाधीश अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अरूण कुमार सिंह के मार्गदर्शन में आज ’’अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस’’ के अवसर पर महिलाओं से संबंधित विधिक अधिकारों के विषय पर विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रारंभ में जिला न्यायाधीश/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मनीष भट्ट, न्यायिक मजिस्ट्रेट आशीष शर्मा एवं महाविद्यालय की प्राचार्य श्रीमती इला तिवारी द्वारा माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यापर्ण एवं दीप प्रज्जवलन किया गया।
कार्यक्रम में सचिव श्री मनीष भट्ट ने विद्यार्थियों को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाने के उदेश्य को वर्णित करते हुए कहा कि शिक्षा के माध्यम से विद्यार्थियों को जागरूक कर एक सभ्य समाज का निर्माण किया जा सकता है। इसी उद्देश्य की पूर्ति हेतु विधिक सेवा प्राधिकरण प्रत्येक स्तर पर विधिक जागरूकता शिविरों का आयोजन कर निरंतर आमजन को जागरूक करने में अपनी भूमिका अदा कर रहा है। श्री भट्ट ने राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली व मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं से अवगत कराया उन्होंने विद्यार्थियों को निंरतर अध्यनरत रहने व स्वस्थ्य रहने हेतु योगाभ्यास करने का सुझाव दिया। साथ ही विद्यार्थियों द्वारा पूछे गये विधिक प्रश्नों का जबाव देकर जिज्ञासाओं को शांत किया।
न्यायिक मजिस्ट्रेट आशीष शर्मा द्वारा महिलाओं से संबंधित विभिन्न संवैधानिक व कानूनी प्रावधानों पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डालते हुए घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, दहेज प्रतिषेध अधिनियम, भारतीय दंड संहिता व अन्य अधिनियमों में वर्णित महिलाओं संबंधी कानूनी प्रावधानों पर विस्तारपूर्वक विचार व्यक्त किये। जिला विधिक सहायता अधिकारी योगेश बंसल द्वारा विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के अंतर्गत विधिक सेवा से संबंधित जानकारी दी गई। साथ ही लोकोपयोगी लोक अदालत के प्रावधानों से अवगत कराया गया। महाविद्यालय में स्थापित लीगल एड क्लीनिक की जानकारी देते हुए उसके कार्यप्रणाली का वर्णन किया गया।
महाविद्यालय की प्राचार्य श्रीमती इला तिवारी ने कहा कि हमें न केवल साक्षर होना पर्याप्त है बल्कि विधिक रूप से साक्षर होना भी अत्यंत आवश्यक है। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अंशु सोनी एवं आभार डॉ. अपर्णा चाचोंदिया द्वारा किया गया।

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