हाईकोर्ट की रोक के बावजूद खुरई सब उपपंजीयक ने कर दी रजिस्ट्री, उच्च न्यायालय में दायर हुआ अवमानना का केश, ग्राम कुलवाई की बेसकीमती जमीन का मामला
सागर। प्रशासनिक तंत्र अपनी स्वच्छंदता के चलते न्यायालयीन आदेशों के प्रति भी लापरवाह बना हुआ है। इसी कार्यप्रणाली के चलते जिले की खुरई तहसील के सब रजिस्टार ने दो लोगों को हाईकोर्ट की स्पष्ट रोक के बावजूद मुख्य रोड की बहुमूल्य जमीन की रजिस्ट्री कर दी। अब पीडित पक्ष ने फिर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। मामला खुरई तहसील के ग्राम कुलवाई की जमीन का है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम कुलवाई में श्रीमती प्रभाबाई का उनके सगे भाई रामकिशन सिंह पुत्र बहादुर सिंह से 12.66 एकड़ जमीन के बंटवारे का विवाद चल रहा था। इस प्रकरण में प्रतिवादी रामकिशन सिंह अपने हिस्से की जमीन का बड़ा हिस्सा बेच चुका था। और नायाब तहसीलदार ने शेष जमीन में दोनों भाई-बहन में बटवारा मान्य कर दिया था। इस पर श्रीमती प्रभाबाई ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाईकोर्ट में अपील की थी जिस पर न्यायालय हाईकोर्ट द्वारा दिनांक 18.04.2016 को आदेश पारित कर कुलवाई स्थित खसरा नं. 150/१ एवं 154 रकवा जो प्रभाबाई एवं रामकिशन के नाम पर दर्ज थी। उपरोक्त जमीन के विक्रय पर रोक लगा दी थी। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में भूमि का स्वरूप एवं दस्तावेज स्वरूप परिवॢतत करने से बाधित किया गया था। जिसमें मध्य प्रदेश शासन भी प्रत्यार्थी के रूप में पक्षकार होने से मध्य प्रदेश शासन पर भी बंधनकारी थी।
हाईकोर्ट जबलपुर 18.04.2016 के उक्त आदेश की प्रति सहित आवेदक ने आवेदन विधिवत रजिस्टार कार्यालय खुरई में प्रस्तुत करके पावती भी प्राप्त कर ली थी।
इसके बावजूद रामकिशन दांगी द्वारा मदन सिंह राजपूत निवासी शेखर वार्ड बीना को खसरा 150/१/१ में से 0.24 हेक्टेयर जमीन तथा दूसरा भूखंड का दूसरा हिस्सा सुनील कुमार जैन शास्त्री वार्ड बीना को 0.61 हेक्टेयर का विक्रय किया गया। न्यायालय की रोक की परवाह किए बिना उप पंजीयक खुरई ने जमीन की रजिस्ट्री भी के्रताओं के पक्ष में नियम विरुद्ध कर दी। 20 जून 2022 को की गई। इस न्यायालयीन अवमानना के बाद पीडि़त पक्ष ने सब रजिस्ट्रार खुरई के विरुद्ध 39 रूल 2ए के तहत न्यायालय की अवमानना का प्रकरण उच्च न्यायालय में दायर किया गया। अब जमीन खरीदने बाले बीना के व्यापारियों में हड़कंप है।