मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को प्रदेश में बाढ़ और जलभराव की स्थिति की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का टेलीफोन पर जानकारी दी, इसके बाद सीएम विदिशा बाढ़ प्रभावित लोगों से मिलने पहुंचे,सीएम बोले कि संकट है, लेकिन संकट के पार ले जाएंगे। यहां से सीएम चंबल क्षेत्र का सर्वे करने के लिए ग्वालियर रवाना हुए।
मुख्यमंत्री विदिशा के जतरापुरा राजीव नगर पहुंचे। यहां बाढ़ के पानी में उतरकर घर-घर का जायजा लिया। यहां उन्होंने लोगों से मुलाकात की। उन्होंने व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के अधिकारियों को निर्देश दिए। मुख्यमंत्री जलभराव क्षेत्र में बोट से पहुंचे। यहां माताओं और बहनों ने मुख्यमंत्री का तिलक लगाकार स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह संकट है, लेकिन जल्द ही संकट के पार ले जाएंगे। उन्होंने बताया कि अभी भी बेतवा में चारों तरफ जनसैलाब दिखाई दे रहा है। बेतवा और सहायक नदियों ने कई गांव को डुबो दिया। शहर के कई घर डूबे हुए है। उन्होंने कहा कि जनता में यह विश्वास पैदा करना है कि मुख्यमंत्री और सारा प्रशासन उनके सहयोग और सेवा के लिए है। इसलिए मैं आज भी लगातार घूम रहा हूं। मुख्यमंत्री ने यहां पर जनता से मुलाकात की। उन्होंने अधिकारियों को भोजन इत्यादि की व्यवस्था करने को कहा। उन्होंने कहा कि जल्दी ही पानी जैसे जैसे उतरेगा। राहत का काम व्यापक पैमाने पर प्रारंभ किया जाएगा। यहां से सीएम भिंड, मुरैना और चंबल क्षेत्रों का हवाई सर्वे करने ग्वालियर रवाना हुए। ग्वालियर से चंबल क्षेत्र का एरियल सर्वे कर मुख्यमंत्री मुरैना पहुंचेगे इसके पहले मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को मध्यप्रदेश में विगत दिनों हुई अतिवृष्टि और इससे उत्पन्न बाढ़ और जल भराव की बुधवार सुबह फोन पर विस्तृत जानकारी दी।
सीएम ने बेतवा नदी में आई बाढ़ से प्रभावित हुए विदिशा जिले के क्षेत्रों के बारे में बताया। उन्हें रेस्क्यू ऑपरेशन और राहत कैंपों की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने आर्मी, एनडीआरएफ की तुरंत मदद पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री ने अतिवृष्टि से प्रभावित जिलों रायसेन, गुना, राजगढ़, सागर, भोपाल सहित अन्य स्थानों की जानकारी से प्रधानमंत्री को अवगत कराया।
वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सुबह 10 बजे अपने निवास पर बाढ़ और जलभराव से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए बड़ी बैठक बुलाई। इसमें व्यवस्थाओं को पुनर्स्थापित करने लिए अधिकारियों को निर्देश दिए। बैठक में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, पशुपालन, गृह, जल संसाधन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, किसान कल्याण तथा कृषि विकास, ऊर्जा, लोक निर्माण, राजस्व, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, नगरीय विकास एवं आवास विभाग के अधिकारी शामिल हुए।