सस्ता ,सुलभ ,सुगम एवं शीघ्र न्याय दिलाने के लिए न्यायपालिका संकल्पित- मुख्य न्यायमूर्ति श्री मालिमठ
प्रकरणों के निराकरण के लिए अधिवक्ता सहयोग करें – श्रीमती नंदिता दुबे
अत्याधुनिक सर्व सुविधा युक्त न्यायालय भवन होगा तैयार – मंत्री श्री भार्गव
10 करोड़ की लागत से बनेगा न्यायालय भवन
सागर। 31अगस्त 2022 मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायमूर्ति रवि मलिमठ ने कहा है कि सस्ता,सुलभ, सुगम एवं शीघ्र न्याय दिलाने के लिए न्यायपालिका संकल्पित है। मुख्य न्यायमूर्ति रवि मालिमठ आज गढ़ाकोटा में 10 करोड़ की लागत से बनने वाले नवीन न्यायालय भवन के निर्माण का शिलान्यास कर रहे थे ।इस अवसर पर श्रीमती नंदिता दुबे पोर्टफोलियो न्यायाधिपति उच्च न्यायालय , रजिस्टार जनरल राम कुमार चौबे, ओएसडी अभिषेक गौर ,प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अरुण कुमार सिंह, गोपाल भार्गव मंत्री लोक निर्माण , कुटीर एवं ग्रामोद्योग , कलेकटर दीपक आर्य , पुलिस अधीक्षक तरुण नायक, जिला न्यायालय के रजिस्ट्रार राज कुमार त्रिपाठी, अनुविभागीय अधिकारी श्री जितेंद्र पटेल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती ज्योति ठाकुर, समस्त न्यायाधीश, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष अंकलेश्वर दुबे सहित अधिवक्ता एवं गणमान्य नागरिक मौजूद थे।
मुख्य न्यायमूर्ति श्री रवि मालिमठ ने कहा कि आज बड़ा सौभाग्य का दिन है कि जब प्रथम पूज्य श्री गणेश चतुर्थी के अवसर पर न्याय के मंदिर बनाने हेतु शिलान्यास कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी को न्याय मिल सके, इसके लिए व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए न्यायाधीशों की कमी एवं न्यायालयों में स्टाफ की कमी को दूर किया जा रहा है। इसके साथ ही न्यायालय भवन भी तैयार किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि शीघ्र ही न्यायालय भवन के साथ न्यायाधीशों के लिए आवास भी तैयार किए जाएंगे । उन्होंने कहा कि भवन निर्माण गुणवत्तायुक्त एवं समय – सीमा में हो। श्री मालिमठ ने आशा व्यक्त की कि अगले वर्ष गणेश चतुर्थी पर न्यायालय भवन का लोकार्पण कार्य किया जाए।
मुख्य न्यायमूर्ति श्री मालिमठ ने कहा कि समस्त अधिवक्ताओं के साथ न्यायाधीशों का कर्तव्य है कि शीघ्र ,सुगम, सुलभ एवं सस्ता न्याय देने के लिए कार्य करें , जिससे न्यायालयों के लंबित प्रकरणों का निराकरण शीघ्र व गति से किया जा सके। इस अवसर श्रीमती नंदिता दुबे पोर्टफोलियो न्यायाधिपति , उच्च न्यायालय ने अपने उद्बोधन में कहा कि न्यायालय में लंबित प्रकरणों के निराकरण के लिए न्यायाधीशों के साथ ही अधिवक्ताओं का सहयोग अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सभी अधिवक्ता यदि पूरे समन्वय के साथ कार्य करें और अनावश्यक पेशी न बढ़ाएं एवं पक्षकारों के साथ पूरा तालमेल बनाकर कार्य करें तो प्रकरणों का निराकरण शीघ्र एवं गति से किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि पक्षकार, अधिवक्ता एवं न्यायाधीश न्यायालयीन प्रक्रिया का एक परिवार है और इसकी गरिमा बनाए रखने के लिए विश्वास एवं सहयोग आवश्यक है ।श्रीमती दुबे ने कहा कि न्यायालय द्वारा दिए जाने वाले आदेशों पर अनावश्यक शिकायतें न करें। अपील कर उनका निराकरण कराएं और आवश्यक हो तो जिला न्यायाधीशों से संपर्क करें । इसके बाद भी यदि संतुष्ट न हो तब उच्च न्यायालय में आकर अपील करें ।
श्रीमती दुबे ने कहा कि आज गढ़ाकोटा न्यायालय में ही 1600 से अधिक प्रकरण लंबित हैं, जिसमें 90 से अधिक प्रकरण सिविल प्रक्रिया एवं 1400 से अधिक प्रकरण अपराध प्रक्रिया के है ।
इस अवसर पर प्रधान एवं जिला सत्र न्यायाधीश श्री अरुण कुमार सिंह ने कहा कि आज अत्यंत महत्वपूर्ण दिन है, जब एक तहसील स्तर की न्यायालय भवन का शिलान्यास मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायमूर्ति द्वारा किया जा रहा है तथा आज गणेश चतुर्थी का शुभ अवसर भी है ।उन्होंने पुराने प्रकरणों के निराकरण के संबंध में अधिवक्ताओं से सहयोग करने के लिए कहा ।श्री सिंह ने गढ़ाकोटा में बन रहे नवीन न्यायालय भवन के संबंध में विस्तार से जानकारी दी ।
लोक निर्माण मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने कहा कि अब मध्य प्रदेश में न्यायालय भवन के साथ न्यायाधीशों की आवास भी बनाए जाएंगे ।इसके लिए शीघ्र ही शासन के द्वारा आदेश जारी होगा। उन्होंने कहा कि गढ़ाकोटा का न्यायालय भवन सर्व सुविधायुक्त, अत्याधुनिक बनेगा।
उन्होंने कहा कि न्यायालय भवन बनने से अब लंबित प्रकरणों का निराकरण भी शीघ्र होगा।
मंत्री श्री भार्गव ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने विधि एवं विधायी कार्य विभाग का आवंटन भी बढ़ाया है, जिससे प्रदेश में न्यायालय भवनों का कार्य किया जा रहा है।
मंत्री श्री भार्गव ने कहा कि देश की आबादी निरंतर बढ़ रही है और अपराध भी बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि अपराध बढ़ने का मुख्य कारण मोबाइल फोन एवं टीवी है, जिससे महिला अपराध की संख्या बढ़ रही है। इससे न्यायालयों में केसों की संख्या भी बढ़ रही है ।उन्होंने कहा कि शीघ्र एवं सच्चा न्याय मिल सके ,इसके लिए संसाधन पूरे करने होंगे।
मंत्री श्री भार्गव ने कहा कि न्यायाधीशों की कमी के कारण भी देश के न्यायालयों में प्रकरणों की संख्या अधिक हो रही है।
इस अवसर पर सागर जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष अंकलेश्वर दुबे ने भी अपने विचार व्यक्त किए। गढ़ाकोटा में नवीन न्यायालय भवन 999. 95 लाख की लागत से तैयार किया जाएगा। गढ़ाकोटा न्यायालय भवन में तीन कोर्ट तैयार होंगी ।
इसी के साथ भूतल पर 22 कक्षों का निर्माण होगा, जबकि प्रथम तल पर 27 कक्षों का निर्माण होगा । इसी तरह 13 व्यक्ति क्षमता की दो लिफ्ट भी लगाई जाएंगी । न्यायालय भवन की बेसमेंट में पार्किंग भी तैयार की जा रही है। कार्यक्रम में आभार गढ़ाकोटा अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री जमील कुरैशी ने माना।