स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय में आजादी का 75वां स्वतंत्रता दिवस बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया

स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय में आजादी का 75वां स्वतंत्रता दिवस बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया
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सागर। भारत आजादी के 75 साल पर स्वतंत्रता दिवस को अमृत महोत्सव के रूप में मना रहा है इस अवसर पर स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय में आजादी का 75वां स्वतंत्रता दिवस बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय परिसर में तिरंगा यात्रा भी निकाली गई। मा. कुलाधिपति द्वारा ध्वजारोहण उपरांत दीप प्रज्जवल मा. अतिथियों द्वारा किया गया। अपना उद्बोधन देते हुए मा. कुलाधिपति डॉ. अजय तिवारी ने कहा कि- आज देश का पावन पर्व है। आज हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। आज का पर्व श्रेष्ठ है सभी पर्वों से क्योंकि यह आजादी हमें आसानी से नहीं मिली भगत सिंह ने कहा था कि हम देश में ऐसे कई भगत सिंह जगाना चाहते हैं। मैं अपनी जान देकर अपने देश के सोते हुए लोगों को जगाना चाहता हूं। हम आजाद हैं और आजाद ही रहेंगे। रानी लक्ष्मीबाई ने कहा था मैं अपनी जान स्वयं ले लूंगी परन्तु अंग्रेजों को नहीं सौपूगीं। सुभाष चन्द्र बोस ने कहा था कि देश की आजादी का सुख मैं लेने नहीं आऊंगा महान लोगों का आचरण इस देश की आजादी में लगा हुआ है। समय बद्धता को हमेशा अपनायें। अनुशासन को हमेशा अपना अपना काम अनुशासन में रहकर करें। एकजुटता का भाव जगायेंगे हम भी इस देश की इकाई हैं अच्छाई की शुरुआत अपने अपने आप से करें। भारत एक माता हैं जिसकी हमे पूजा करनी चाहिए। बाकि सभी देवी, देवताओं की पूजा रोक दो और भारत माता की पूजा में लीन हो जाओ श्रेष्ठ आचरण के गुरू श्रेष्ठ शिष्य पैदा करेंगे। भारत का परम वैभव हममें बना है क्योंकि रस्सी आते-आते पत्थर पर भी निशान बना देती है उसी तरह कोशिश करते रहें। स्वामी विवेकानंद जी का उदा. वज्र जैसे अपने मन को मजबूत बनाएं चरित्रवान युवाओं का निर्माण इस वि.वि. द्वारा हमें करना है यही संकल्प लेना है।
वक्तव्य श्रृंखला में संस्थापक कुलपति डॉ. अनिल तिवारी ने कहा कि- आज का दिन हम सभी के लिए बेहद खास है, क्योंकि आज हम अपने महान राष्ट्र का 75वां स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं। आजादी का अमृत महोत्सव भारत सरकार की एक पहल है जो आजादी के 75 साल और अपने लोगों, संस्कृति और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास को मनाने के लिए है। विज्ञान, तकनीक कृषि, साहित्य, खेल आदि सभी क्षेत्रों में देश का तिरंगा लहराया है। इसके इधर हमने बहुत कुछ खोया भी है जैसे- समन्वयवादी दृष्टिकोण, नैतिक मूल्य, धार्मिक सहिष्णुता, परस्पर प्रेम और भाईचारे का भाव आदि-आदि। भारत 1947 से अब तक बहुत आगे बढ़ चुका है और महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर है। हमारे बहादुर सैनिकों के लिए धन्यवाद कि हम अपने देश में शांति से रह सकते हैं, क्योंकि वह हमेशा हमारी रक्षा करते हैं।
प्रभारी कुलपति डॉ. नीरज तोपखाने ने कहा कि- आज इस दिवस को हम अमृत महोत्सव के रूप में मना रहे हैं आज गर्व से हम तिरंगा अपने घर-घर लहरा पा रहे है। सभी नागरिकों की जिम्मेदारी है कि हम भी अपने देष के लिए सहयोग दे, इसकी षुरूआत घर से सड़क साफ करने तक किया जा सकता है। हम सभी अपना सहयोग दें। आज जब हम स्वतंत्रता दिवस पर अपने देश की सभी उपलब्धियों को याद करते हैं, तो आइए हम अपने सैनिकों को भी याद करें और उन्हें सलामी दें। डॉ.शैलेंद्र पाटिल अधिष्ठाता फॉर्मेसी ने कहा कि – आज आजादी दिवस की जितनी खुशी है उतना ही इतिहास को जानकर दुख भी होता है। माता-पिता की तरह देष को प्यार करें। आपदायंे तो आती रहेंगी। यह भारत माता वीर सपूतों की जननी है सरकार द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में शहर, घर तिरंगा अभियान भी शुरू किया गया है। हम हर साल आजादी का जश्न बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाते रहे हैं और मुझे उम्मीद है कि हमारी आने वाली पीढ़ियां भी इसी तरह हमारा स्वतंत्रता दिवस मनाती रहेंगी। डॉ.सुनीता जैन अधिष्ठाता कला संकाय ने कहा कि- 15 अगस्त हमेषा हमारे लिए इतना खास रहा है कि एक ऐसा दिन जब हम अपने देश की सारी महिमा को याद करते हैं, जब हम भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष और प्रयासों को याद करते हैं जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी थी। भारत का स्वतंत्रता दिवस न केवल ब्रिटिश शासन से भारत की स्वतंत्रता को दर्शाता है, बल्कि यह इस देश की शक्ति को भी दर्शाता है। श्री प्रखर तिवारी ने कहा कि- इस साल भारत 15 अगस्त को अपना 75 वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। 15 अगस्त को हमारा देश ब्रिटिश शासन से आजाद हुआ था। आजादी के 75 साल पूरे हो गए हैं। इस राष्ट्रीय त्योहार को हम लोग बड़े उत्साह और देशभक्ति की भावना के साथ मनाते हैं। इस दिन हम उन महान योद्धाओं और स्वतंत्रता सेनानियों की स्मृति का सम्मान करते हैं जिन्होंने भारत को एक स्वतंत्र राष्ट्र बनाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। इस अवसर पर वरिष्ठ प्राध्यापक प्रो.आर.नाथ, डॉ.मनीष मिश्र, डॉ.सुकदेव वाजपेयी, समस्त अधिष्ठाता एवं विश्वविद्यालय परिवार के सभी शैक्षणिक, अशैक्षणिक कर्मचारी उपस्थित रहे। मिष्ठान वितरण के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
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