सुंदरकांड से सकारात्मक ऊर्जा एकाग्रता और आत्मविश्वास में वृद्धि-श्रीमती अनु शैलेंद्र जैन
सागर। भारतीय शिक्षण मंडल महिला प्रकल्प महाकोशल प्रांत में दूर्वा मंडल की संयोजिका डॉ. श्रीमती प्रीति शर्मा के सौजन्य से अतुलित बल के धाम श्री हनुमान जी के स्वरूप की चर्चा एवं सुंदरकांड का पाठ मंगलवार 26 जुलाई को संपन्न हुआ। इस अवसर पर श्रीमती अनु शैलेंद्र जैन ने कहा हनुमान जी की भक्ति का सुंदर रूप सुंदरकांड में देखने को मिलता है स्वयं समर्थ श्री राम जी की मदद करने के लिए हनुमान जी के द्वारा समुद्र को पार करना एक अद्भुत घटना है सकारात्मक ऊर्जा का संचार एवं एकाग्रता और आत्मविश्वास में वृद्धि सुंदरकांड का पाठ करने से होती है। लोक मंगल मानकर विपरीत परिस्थिति को तप माना। भाव भक्ति के साथ कर्म का संगम होने पर विद्या और ज्ञान स्वयं आने लगते हैं। तुलसी के राम सब में रमते हैं। वे नैतिकता, मानवता कर्म, त्याग द्वारा लोकमंगल की स्थापना करने का प्रयास करते हैं।
डॉ सरोज गुप्ता ने कहां तुलसीदास जी ने सुंदरकांड को कल्पवृक्ष व कामधेनु के समान बताया है इसे जितना पढ़ेंगे उतनी ही सफलता हमें जीवन में मिलती है हनुमान जी अपनी सूझबूझ और श्रेष्ठ विचारों से मां सीता की खोज कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया इसी कारण उनकी महिमा अपरंपार है।
प्रीति शर्मा ने कहा कलयुग के जागृत देवता हनुमान जी हैं जहां कहीं भी सुंदरकांड व रामचरितमानस का पाठ होता है हनुमान जी वहां उपस्थित हो जाते हैं एवं बड़े मनोयोग से उसका श्रवण करते हैं।
शोभा शराफ ने कहा हनुमान जी की महिमा अपरंपार है हनुमान जी के चरित्र के माध्यम से हमें जीवन में सक्रियता, बुद्धि कौशल प्राप्त होता है।
कविता लारिया ने कहा लंका में प्रवेश कर माता सीता की खोज करना विलक्षण कृत है।
मेघा दुबे ने कहा सुंदरकांड मानव जीवन का सर्वांगीण आदर्श प्रस्तुत करता है।
इस अवसर पर महाकोशल प्रांत की सभी मातृशक्तिया पल्लवी सक्सेना, दिव्या मेहता, मनीषा मिश्रा, आराधना रावत रूपा राज नंदिनी दीक्षित विमलेश गुप्ता मोनिका पढ़ेंले उषा केसरवानी बंदना श्रीवास नंदनी चौधरी रेखा पटेल अभिलाषा केसरवानी वर्षा नामदेव स्वाति नायक आदि मात्र शक्तियां उपस्थित रहीं।