गजेद्र ठाकुर✍️
अक्षय तृतीय पर बाल विवाह न हो, इसके लिये तमाम प्रबंध सुनिश्चित किये जा रहे हैं पर जिला प्रशासन और पुलिस के बीच इस मार्फ़त तालमेल बैठता दिखाई नही दें रहा हैं यह बात जनचर्चा में है कि पुलिस विभाग की एक टीम अन्य विभागों स्लके तालमेल बना कर विवाह रोकने कार्य करती रही है पर आज कल उक्त टीम भंग नजर आती हैं
सागर । मध्यप्रदेश के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिवर्ष देव उठनी ग्यारस एवं अक्षय तृतीय के अवसर पर बहुत अधिक संख्या में विवाह सम्मेलन एवं बाल विवाह होने की संभावनायें अधिक होती है, शासन के निर्देशों के परिपालन में पूर्व वर्ष की भांति इस वर्ष भी अक्षय तृतीय 3 मई के अवसर पर शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में बाल विवाह रोकने के लिये कलेक्टर दीपक आर्य ने तहसीलदार और ब्लॉक स्तर पर निगरानी समिति गठित करने के निर्देश दिए हैं।
समिति में अध्यक्ष अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, सदस्य के रूप में अनुविभागी अधिकारी पुलिस, परियोजना अधिकारी संबंधित, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत संबंधित, तहसीलदार संबंधित, खण्ड शिक्षाधिकारी संबंधित, खण्ड चिकित्सा अधिकारी संबंधित एवं थाना प्रभारी या नगर निरीक्षक नियुक्त किया है इसी कड़ी में कुछ माह पहले पुलिस विभाग की एक विशेष पुलिस इकाई लंबे वक्त से सराहनीय कार्य करती आई है और उक्त टीम ने सड़को बालिकाओं को वधु बनने से रोका पर अब वह टीम सायद भंग कर दी गयी है क्योंकि बाल विवाह केवल कुछ मुहूर्तों पर ही नही वर्ष भर चोरी छिपे होते देखे जाते रहे हैं
बहरहाल कलेक्टर आर्य द्वारा गठित दल विवाह आयोजन में निगरानी के दौरान सूचना प्राप्त होते ही बाल विवाह अधिनियम 2006 के तहत आवश्यक कार्यवाही करेंगे, उक्त दिनांकों में बाल विवाह की रोकथाम के लिये संबंधित अधिकारियों को एवं कंट्रोल रूम पर सूचित करेंगे। कार्यवाही का प्रतिवेदन पृष्ठांकित प्रारूप में जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास विभाग में उपलब्ध करायेंगे।