जानकी बैंड की अगली प्रस्तुति माता दुर्गा की ‘जस’ गाकर हुई। इस प्रस्तुति से वातावरण पूरा नवरात्रि की तरह धर्ममय हो गया। आदिवासी समुदाय की सांस्कृतिक धरोहर सैला की शानदार प्रस्तुति बैंड ने की तो होली की बुंदेली फाग ‘बलम नइंयां फागुन में उनको जिया नईं माने’ गाकर वातावरण को बासंती कर दिया। पंजाब के वैवाहिक लोक गीत मत्थे दे चमकण बाल मेरे बनणे ते’ सुनाकर जानकी बैंड की कलाकारों ने दर्शकों को झूमने के लिए मजबूर कर दिया। ‘खूब लड़ी मर्दानी लह त़ झांसी वाली रानी थी’ गाकर जानकी बैंड ने डोहेला किले का वातावरण वीररस से ओतप्रोत कर दिया। वहीं दुल्हन की विदाई का गीत गाकर माहौल को भावुक कर दिया।
जानकी बैंड के एंकर रविंद्र ने डोहेला के प्रतिष्ठित मंच पर परफार्म करने का मौका देने के लिए मंत्री भूपेंद्र सिंह का हृदय से आभार व्यक्त किया।
डोहेला परिसर में पहुंचे मंत्री भूपेंद्र सिंह ने माँ बीजासेन के दर्शन के बाद महिला स्वसहायता समूहों की बहिनों के सभी सेल काउंटर्स पहुंच कर उनका उत्साहवर्धन किया। उन्होंने परिसर का भ्रमण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया और विकास कार्यों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया। डोहेला परिसर में मंत्री भूपेंद्र सिंह के साथ सेल्फी लेने के लिए युवाओं और बच्चों में होड़ लग गई।