स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय में जूट आर्टीकल कार्यशाला सम्पन्न, आत्मनिर्भर राष्ट्र अपने देश को सर्वोपरि बनाता है- डॉ प्रतिभा तिवारी

स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय सागर में सम्पन्न हुई जूट आर्टीकल कार्यशाला
सागर।  छात्राओं में आत्मनिर्भर/स्वावलंबी विचारधारा विस्तार से शैक्षिक जगत के माध्यम से आगे बढ़े, इसे दृष्टिगत करते हुए स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय सागर के फैशन विभाग द्वारा ‘‘CREATIVE ART AND CRAFT WORK FARM JUTE ARTICLE WORKSHOP’’ विषय पर स्वास्तिवाचन के साथ कार्यशाला का शुभारंभ किया गया। कार्यशाला का प्रथम दिवस मुख्य अतिथि डॉ. प्रतिभा तिवारी संयोजक आत्मनिर्भर सागर अभियान के सानिध्य में प्रारंभ हुआ। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि- आत्मनिर्भर राष्ट्र ही अपने देश को सर्वोपरि बना सकता है। क्योंकि जो राष्ट्र आत्मनिर्भर होता है वह अपने पैरों पर खड़ा होता है। आत्मनिर्भरता का अर्थ यह नहीं है। कि हम चीन के सामान या अन्य किसी देश के सामान का आयात बंद कर दें इसका मतलब है कि हमारा स्वयं का सामान इतना सस्ता और अच्छा हो कि लोग विदेशी माल को छोड़कर स्वदेशी माल खरीदें। क्योंकि कहा गया है कि जबरदस्ती कराया गया काम कुछ वर्ष लेकिन स्वेच्छा से किया गया काम उम्र भर चलता है। वही अपने आप में सबसे अच्छा होता है। कार्यषाला में प्रषिक्षण देने हेतु पिडीलाइट की श्रीमती स्वर्णा मोदी ने कहा कि- जूट का प्रयोग हमें कृत्रिम उपयोग को छोड़कर व्यवहार में प्रकृति को ला रहा है। इसके साथ ही आपने तरंग ध्वनि पर ही जूट के विविध प्रशिक्षण दिये कार्यशाला के द्वितीय दिवस स्वागत भाषण प्रभारी कुलपति डॉ. नीरज तोपखाने द्वारा दिया गया जिसमें आपने कहा कि- यह कार्यशाला आत्मनिर्भर के लिए उचित कदम है इससे बालिकाओं में आत्मशक्ति का विस्तार होगा और वह स्वयं स्वावलंबी बन कर राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करेंगी। कार्यशाला के मुख्य अतिथि जूट आयुक्त भारत सरकार श्री मलय कुमार चक्रवर्ती ने कहा कि- जूट को पटसन भी कहते हैं यूरोप, अमेरिका आदि के लोग पर्यावरण में जागरूकता लाने हेतु इस प्राकृतिक संसाधन का उपयोग करते हैं क्योंकि यह ईको फ्रेंडली है पूर्व में यह केवल बोरे बनाने के काम आता था अब जूट से शॉपिंग बैग, फैशन बैग आदि वस्तुएं तैयार हो रही हैं आपने बताया कि जूट की खेती करने से कार्बन डाइऑक्साइड का प्रभाव कम होता है और यह ऑक्सीजन देता है यह प्रकृति का मित्र है।
दो दिवसीय कार्यशाला समापन उपरांत प्रशिक्षण पूर्ण करने वाली लगभग 172 छात्राओं को प्रमाणपत्र दिये गये। कार्यशाला फैशन विभाग की विभागाध्यक्ष श्रीमती शैलबाला बैरागी, श्रीमती ज्योति गौतम एवं श्रीमती अंतिमा शर्मा के सानिध्य में संपन्न हुई। तरंग ध्वनि सहयोग श्री अभिषेक तिवारी द्वारा किया गया।शांति मंत्र के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।

✍️गजेंद्र ठाकुर- 9302303212

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