सागर। परिवहन आयुक्त, मध्यप्रदेश ग्वालियर एवं अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक द्वारा 10 दिसम्बर को वीडियों कान्फ्रेन्स के माध्यम से निर्देश दिये गये है कि याचिका क्रमांक 08/2013 श्री सतीश कुमार वर्मा विरूद्ध मध्यप्रदेश शासन एवं अन्य की सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय, जबलपुर ने 08 दिसम्बर को निर्देशित किया है कि प्रदेश में बिना परमिट चल रहे आटो रिक्शा पर कठोर कार्यवाही की जावे। न्यायालय ने अब तक परिवहन विभाग एवं ट्रेफिक पुलिस द्वारा की गई कार्यवाही को अत्यंत असंतोषजनक एवं अपर्याप्त बताते हुए शीघ्र प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए है। जानकारी देते हुए अधिकारियों ने बताया कि माननीय न्यायालय ने इसी याचिका पर सुनवाई के दौरान 6 दिसम्बर को निर्देशित किया है कि बिना परमिट जप्त किए गए आटो रिक्शा को शमनशुल्क लेकर न छोड़ा जाने तथा ऐसे समस्त आटो रिक्शा को जप्तकर उन प्रकरणों का निराकरण माननीय न्यायालय से ही करवाया जाए, माननीय न्यायालय द्वारा 2 सप्ताह बाद इस संबंध में परिवहन तथा पुलिस द्वारा की गई कार्यवाही की समीक्षा की जाएगी साथ ही प्रत्येक दिवस की गई कार्यवाही की रिपोर्ट ऑनलाईन पोर्टल पर अनिवार्य रूप से अपलोड की जाएगी
उक्त आदेश के परिपालन में क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, प्रदीप कुमार शर्मा के निर्देशन में सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, सुरेन्द्र सिंह गौतम और ट्रैफिक पुलिस से डीएसपी संजय खरे ने बताया कि मगंलवार को अमले ने संयुक्त रूप से आटो रिक्शा वाहनों की चैकिंग की सख्त कार्यवाही की।
चैकिंग के दौरान लगभग 95 आटो रिक्शा वाहनों को चैक किया गया, जिनमें से 10 आटो रिक्शा वाहनों के मौके पर वाहन से संबंधित दस्तावेज नहीं पाये गये एवं क्षमता से अधिक सबारी बैठी हुई पाये जाने पर उन्हें जप्त कर कार्यालय परिसर में सुरक्षार्थ रखा गया।
साथ ही आज परिवहन कार्यालय में वाहनस्वामियों द्वारा आटो वाहनों की दस्तावेज पूर्ण कराने हेतु अधिक संख्या में भीड देखने मिली तथा उनके द्वारा आटो रिक्शा के 62 परमिट एवं 98 फिटनेस प्रमाण पत्र बनवाये गये और समस्त वाहन स्वामियों को हिदायत दी है कि अपने वाहनों के संचालन के दौरान वाहन से संबंधित समस्त दस्तावेज अनिवार्य रूप से साथ में रखे चैकिंग निरंतर जारी रहेगी।