पटाखा बुलेट जो बेइंतहा आवाज करती हैं और राहगीरों में डर का माहौल बनाती हैं ऐसा नही हैं कि यातायात पुलिस इनपर शिकंजा नही कसती पुलिस लगातार इनपर कार्यवाही करती देखी जाती हैं पर फिर भी यह बीमारी जड़ से खत्म होने का नाम नही ले रही कारण दुकानों पर आसानी से उपलब्ध हो रहे हैं मोडिफाई (पटाखा) साइलेंसर
सागर की बात करें तो भगवानगंज मर्केट में जगह-जगह आटोपार्ट्स की दुकानों के बाहर स्टैंड पर यह अवैध साइलेंसर लटके देखे जा सकते हैं अब समझ से परे यह हैं कि इस तरह के मोडिफाई साइलेंसर बेचना अपराध नही पर लगाना अपराध हैं यह दोहरी नीति क्यों
इस मामलें में यातायात पुलिस के डीएसपी संजय खरे से जब बात की तो उन्होंने कहा कि हम लोग लगातार ऐसी पटाखा बुलेट पर कार्यवाही करते आये हैं मौके पर मोडिफाई साइलेंसर खुलवाते हैं और गाड़ी मालिक से ओरिजनल साइलेंसर लगवाते हैं तदुपरांत चलानी कार्यवाही भी करते हैं दुकानों पर कार्यवाही करने के सम्पूर्ण अधिकार हमारे पास नही हैं परिवहन विभाग के पास अधिकार हैं पर इस मामलें में वरिष्ठ अधिकारियों से मार्गदर्शन लूँगा
बात जब परिवहन विभाग की आई तो हमने आरटीओ प्रदीप शर्मा से बात की तो उन्होंने बताया कि इस तरह दुकानों पर कार्यवाही के अधिकार हमारे विभाग के पास नही हैं स्थानीय पुलिस कार्यवाही कर सकती हैं
दोनो अधिकारियों की बात सुनकर कुछ समझ नही आया बहरहाल ऐसे दुकानदारों कर विरुद्ध ठोस कार्यवाही होनी ही चाहिए जो अवैध साइलेंसर व अन्य मोडिफाई स्पेयर पार्ट्स बेच रहे हैं
खबर गजेंद्र ठाकुर- 9302303212