मप्र के सागर को क्यों कहा जाता हैं शांति का टापू ब्रिटिश काल के दौरान 1927 का यह पत्र देखिए

स्पेशल रिपोर्ट गजेन्द्र ठाकुर ✍️-9302303212

जानकारों ने बताया हैं यह दस्तावेज 1927 का जब भारत में अंग्रेजी हुकुमत थी और मप्र के सागर में आपसी भाईचारे को बचाये रखने के लिए इस शहर के प्रतिष्ठित परिवारों के चुनिंदा लोगो ने जिनको शहर के अमन चैन की फिक्र थी मिलकर एक कमेटी बनाई थी जिसमें 5 सदस्य हिन्दू और 5 सदस्य मुस्लिम समुदाय के थे


जानकारी जुटाने पर पता लगा हैं कि उस वक्त अंग्रेज हिन्दू मुसलमानों में आपसी फूट डालने का प्रयास करते थे जिसके चलते माहौल खराब होने का अंदेशा बना रहता था संचार के साधन भी शून्य थे जिस कारण सागर शहर के सम्मानीय परिवारों के नागरिकों ने एक कमेटी का गठन कर लिया था जिसकी भनक गोरों को नही हो पाई थी दोनों समुदाय की आपसी सहमति से बनी 10 सदस्यों की कमेटी ने लंबे वक्त काम किया और अफवाहों से शहर को बचाएं रखा आज भी सागर को शांति का टापू कहाँ जहाँ है जिसकी नींव काफी पहले या कहें ब्रिटिश कॉल के दौरान ही रख दी गयी थी।

KhabarKaAsar.com
Some Other News

कुछ अन्य ख़बरें

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: इस पेज की जानकारी कॉपी नहीं की जा सकती है|
Scroll to Top