दशहरा चल समारोह निकालने को लेकर हिंदु संगठन हुए लामबंद, बोले राजनेतिक आयोजनों को कोरोना नही धार्मिक विषय आते ही सब धोप दिया जाता हैं
देवी जी का चल समारोह निकालने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर आंदोलन की चेतावनी दी
सागर। दशहरा चल समारोह में शासन रोड़े न अटकाए इसके लिए विभिन्न हिंदु संगठन लामबंद हो गए हैं। मंगलवार को हिन्दू संगठन, नव दुर्गा काली कमेटी, अखाड़ा संचालक, डीजे संचालक, ढोल बाजे वाले एकत्रित होकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा गया।
जय महाकाल हिन्दू संगठन अध्यक्ष सपन ताम्रकार ने चेतावनी देते हुए कहा कि, मध्यप्रदेश में हो रहे उपचुनावों के क्षेत्रों में भी असंख्य भीड़ देखी जा रही है, साथ ही वहां पर भी कोरोना गाइडलाइन्स का पालन नहीं होता दिख रहा है। वहीं दूसरी ओर जब-जब धार्मिक अनुष्ठानों की बात आती है, तब-तब कोरोना गाइडलाइन की नियमावली जारी कर दी जाती है।वहीं हिन्दू जागरण मंच प्रमुख डॉ उमेश सराफ ने कहा यह शासन की दोगली मानसिकता है सागर शहरवासियों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ बिल्कुल भी ना किया जाए।
मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपते हुए सभी हिन्दू संगठनों ने प्रशासन से मांग की है कि सनातनी मूल्यों का पालन करते हुए सागर शहर में निकाले जाने वाले दशहरा चल समारोह को विधिवत निकाले जाने की अनुमति प्रदान करें। दुर्गा समितियों का रूट जैसे विगत वर्षों में निर्धारित था (विशेष रुप से पुरव्याऊ काली मां एवं काली जी भैया जी वैद्य) वही रखा जाएं अन्यथा सभी हिन्दू संगठनों के साथ जय महाकाल हिन्दू संगठन, बजरंग दल, धर्म रक्षा संगठन आदि दशहरा के दिन तीन बत्ती पर आंदोलन करने के लिए मजबूत रहेंगे।
इस संबंध में शहर के जय महाकाल हिन्दू संगठन के अध्यक्ष सपन ताम्रकार द्वारा बताया गया कि, दशहरा के अवसर पर निकलने वाला चल समारोह नगर की अविस्मरणीय स्मृति में से एक है। हमारे शहर के समस्त शहरवासी, साल भर में एक दिन आने वाले इस त्यौहार की प्रतीक्षा करते हैं। उन्होंने बताया कि, सागर शहर में कांधे वाली काली के नाम से प्रसिद्ध शहर की श्री सार्वजनिक दुर्गा महोत्सव समिति पुरव्याऊ टोरी वाली एवं काली जी भैया जी वैद्य बड़ा बाजार को शारदीय नवरात्रि में विराजमान होते हुए 100 वर्षो से ज्यादा हो चुके हैं। सागर शहर में सनातनी परंपरा को मानने वाला हर व्यक्ति दशहरा के दिन कटरा बाजार क्षेत्र में इन दोनों देवी माई के दर्शन के इंतजार में बैठा रहता है। यह हमारी ही श्रद्धा है, जिसके चलते शहर का हर व्यक्ति इस पवित्र महापर्व के दर्शन करने घंटो खड़ा रहता हैं ।