मनरेगा के अंतर्गत खेत तालाब के निर्माण से गांव में पानी की किल्लत हुई दूर

मनरेगा के अंतर्गत खेत तालाब के निर्माण से गांव में पानी की किल्लत हुई दूर

 सागर-

विकासखण्ड केसली के ग्राम मरामाधव में मनरेगा से बने खेत तालाब ने 12 एकड़ में दोनों फसलों में सिंचाई करके स्थानीय ग्रामीणों को ये समझा दिया कि पानी की खेती का क्या महत्व है। इस गांव की मती रामदुलैया गौड़  के यहां मनरेगा के अंतर्गत खेत तालाब का निर्माण किया गया। इस गांव में पानी की भारी किल्लत थी मती रामदुलैया गौड़  समेत गांव के लोग पानी के लिए भटकते थे।

डॉ. इच्छित गढ़पाले मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत ने ग्रामीणों की समस्याओं का जायजा लिया और उन्होंने तत्काल मौके पर उपस्थित अमले को मनरेगा के अंतर्गत कार्यों की शुरूआत करने के निर्देश दिये। यही कारण है कि गांव के 36 पट्टाधारी परिवारों की खेतीहर जमीन पर पहली वार अरहर और मक्का की फसल लह लहा रही है। इन परिवारों को भूमि सुधार के अंतर्गत इनके खेतों को ट्रीटेड किया गया है। गांव में 15 परिवारों   के यहां खेत तालाब का निर्माण किया गया। इनमें 6 खेत तालाबों में बड़ी मात्रा में जल संग्रहण हुआ। यह जल सिंचाई और निस्तारी कार्यों में उपयोग हो रहा है। मती रामदुलैया गौड़  के बेटों ने मिलकर 12 एकड़ खेत की दोनों फसलों में सिंचाई करते हुए फसल लेना शुरू कर दिया। इनके बडे़ बेटे  राजाराम  ने बताया कि खेत तालाब के पहले हम पानी की समस्या से जूझ रहे थे। पानी आया सिंचाई हुई, उत्पादन बढ़ा हमने पहलीवार 47 क्विंटल गेहूं बाजार में बेचा है। आमदनी हुई तो हमारी लाइफ स्टाइल में भी बदलाव आया। बच्चों को पहनने के लिए अब उनके मन के कपड़े दिला सका। नाते रिश्तेदारी का भी निर्वहन हो सका और होता भी कयों न रिश्तेदारी निभाने के लिए, शादी ब्याह में जाने के लिए आप भी जानते हैं कि खींसे में रकम होना चाहिए। गांव के सचिव  अजय सिंह  सोलंकी ने बताया कि हमारी पंचायत में पानी की खेती जीं हां चोंकिये नहीं वॉटर हार्वेस्टिंग के अंतर्गत 15  खेत तालाब, 7  तालाब, 12  स्टॉप डेम, 77  अन्य जल संरचनाओं का निर्माण किया गया है।

जनपद पंचायत केसली मुख्य कार्यपालन अधिकारी सु पूजा जैन ने बताया कि केसली विकासखण्ड में चालू वित्तीय वर्ष में जल संरक्षण के निर्माण पर अधिक ध्यान दिया गया है इसके अंतर्गत 93   खेत तालाब, 6  तालाब, 25  स्टॉप डेम, 172  अन्य जल संरचनाओं का निर्माण किया गया है। इसके अतिरिक्त विकासखण्ड में कंटूर ट्रेंच द्वारा 20 पहाड़ियों का पुनर्रोधार किया गया। 35  पौधरोपण का काम मनरेगा के अंतर्गत हुआ है।

कलेक्टर  दीपक आर्य का कहना है कि मुझे खुशी है कि मरामाधव पंचायत में जल संरचनाओं के जो परिणाम आये हैं और उससे हितग्राहियों के जीवन में जो आर्थिक सुधार हुआ है। मैं अपील करता हूं कि किसान आगे आकर इस तरह शासकीय योजनाओं से जुड़े और उत्पादन के साथ-साथ अपने जीवन स्तर में सुधार लायें।

डॉ. इच्छित गढ़पाले मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत सागर ने बताया कि मनरेगा के अंतर्गत तथा सागर को हरा-भरा करने भूजल स्तर में सुधार के लिए ‘‘हमाओ सागर हरो सागर अभियान‘‘ तथा अंकुर अभियान के अंतर्गत जल संरक्षण के साथ साथ पौधरोपण कार्यक्रम को प्रोत्साहित किया गया है। इससे न केवल पर्यावरण बल्कि भू-जल स्तर में वृद्धि हो सकेगी और किसान अपने जल स्त्रोतों का समुचित विदोहन कर सकेंगे।

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