राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम में करें सक्रिय सहभागिता — कलेक्टर आर्य

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम में करें सक्रिय सहभागिता — कलेक्टर आर्य

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम का आयोजन 13 से 23 सितंबर तक

सागर-

कलेक्टर दीपक आर्य ने निर्देश दिए हैं कि, स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास विभाग राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम में सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित कर लक्ष्य पूरा करे। इस अवसर पर सी एम ओ डॉ सुरेश बौद्ध, जिलाकार्यक्रमअधिकारी श्रीमती रचना  बुधौलिया सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

कलेक्टर आर्य ने कहा कि, राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम का आयोजन 13 से 23 सितंबर तक किया जाएगा। कार्यक्रम समुदाय आधारित गृह भ्रमण रणनीति के माध्यम से किया जावेगा। अर्थात कार्यक्रम को अभियान के रूप में चलाकर डोर टू डोर सर्वे किया जायेगा और लक्षित जनसंख्या को कृमिनाशक दावा दी जाएगी।

उन्होने कहा कि, इस संबंध में एक महत्वपूर्ण बिंदु है कि, दवा का सेवन मैदानी कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में ही कराया जाए।

 जिले में एएनएम, आशा, आंगनबाडी कार्यकर्ता के दल द्वारा घर-घर जाकर एक वर्ष से 19 वर्ष तक के किशोर एवं किशोरियों को एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जावेगी ताकि जिले के किशोर एवं किशोरियों को कृमि से मुक्ति मिल सके। सभी संचालित विद्यालयों एवं आंगनबाडी केन्द्रों के माध्यम से लक्ष्य समूह के हितग्राहियों को एल्बेंडाजोल की गोली खिलाकर किशोर एवं किशोरियों में होने वाली कृमि से नुकसान से मुक्ति दिलाना हैं।

    नोडल अधिकारी डॉ. अचला जैन ने क्रृमि के संक्रमण, लक्षण, दुष्प्रभाव, बचाव आदि के बारे में जानकारी दी। उन्होने कहा कि, कृमि : संक्रमण के लक्षण एवं दुष्प्रभाव में गंभीर कृमि संक्रमण से कई लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं जैसे -दस्त,पेट में दर्द, कमजोरी,उल्टी और भूख ना लगना ।

हल्के संक्रमण वाले बच्चों में आमतौर पर कोई लक्षण नहीं दिखते हैं। बच्चे में कृमि   की मात्रा जितनी अधिक होगी, संक्रमित के लक्षण अधिक होगें। संक्रमित बच्चे के शौच में कृमि के अंडे होते हैं खुले में शौच करने से ये अंडे मिट्टी में मिल जाते हैं और विकसित होते हैं। अन्य बच्चे नंगे पैर चलने से , गंदे   हाथों  से खाना खाने से या फिर बिना ढका हुआ भोजन खाने से,लार्वा के संपर्क में आने  से संक्रमित हो जाते हैं। संक्रमित बच्चों में कृमि के अंडे व लार्वा रहते हैं जो बच्चों के स्वास्थ्य को हानि पहुँचाते हैं।

    कृमि से बचाव

नाखून साफ व छोटे  रखे, हमेषा साफ पानी पीएं, खाने को ढक कर रखें, साफ पानी से फल व सब्जियां धोएं, अपने हाथ साबुन से धोएं, विषेषकर खाने  से पहले और षौच के बाद,खुले में षौच न करे, हमेषा षौचालय में करे,जूते पहने,आस-पास सफाई रखें । कृमि संक्रमण निवारण हेतु कृमिनाषन की एल्बेंडाजोल की गोल का सेवन ही सुरक्षित और लाभकारी हैं ।

कृमिनाषन से होने वाले लाभ

स्वास्थ्य एवं पोषण में सुधार होगा । रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्वि । एनीमिया का नियंत्रण । सीखने की क्षमता और कक्षा में उपस्थिति में सुधार । व्यस्क होने  पर काम करने की क्षमता और आय में बंढोत्तरी ।

       डॉ.सुरेष बौद्ध मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला सागर ने बताया कि रार्ष्ट्ीय कृमिमुक्ति कार्यक्रम सागर जिले में 13 से 23 सितम्बर तक चलाया जावेगा।  01 वर्ष से 19  वर्ष के किषोर एवं किषोरियों को षाला ,आगनबाडी केन्द्र एवं दल द्वारा अपने अपने क्षेत्र में गृह भ्रमण दौरान एल्बेंडाजोल की गोली खिलायेंगें और समुदाय में गोली आयु अनुसार एवं खाने का तरीका भी बतलाया जावेगा । कृमि मनुष्य की आंत में रहते हैं और जीवित रहने के लिए मानव शरीर के जरूरी पोषक तत्व को खाते हैं यह एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम हैं कृमि मुक्त बच्चे-स्वस्थ बच्चे ।

मध्यप्रदष शासन द्वारा कोविड-19 महामारी को ध्यान रखते हुये समुदाय में सुरक्षित समुचित स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर को बनाये रखने हेतु समुदाय आधारित गृह भ्रमण रणनीति के माध्यम से यह कार्यक्रम चलाया जावेगा । आमजन से अपील हैं कि 01 से 19 वर्ष के अपने किषोर एवं किशोरियों को एल्बेंडाजोल की गोली अवष्य खिलायें ।

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