सागर में अकुशल अधिकारी गुणवत्ताहीन कार्य, कुशल अधिकारियों की पदस्थापना की जाए- विधायक जैन
सागर-
मध्य प्रदेश शासन के नगरीय प्रशासन मंत्री माननीय भूपेंद्र सिंह के निर्देश पर नगरीय विकास विभाग द्वारा क्षेत्र में बेहतर प्रबंधन तथा विकास विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें सभी नगर निगम क्षेत्र के प्रतिनिधि, विधायकों को सुझाव देने के संबंध में आमंत्रित किया गया। इस अवसर पर सागर विधायक शैलेंद्र जैन ने भी विधानसभा के विकास एवं नगरी क्षेत्र के बेहतर प्रबंधन के लिए अपने सुझाव दिए।
उन्होंने पूरे प्रदेश में रेरा के अंतर्गत मिलने वाली अनुमति के अभाव में बंद पड़े प्रोजेक्ट को अविलंब अनुमति दिलाने का विषय उठाया ताकि शासन को मिलने वाले बड़े राजस्व की प्राप्ति हो और बंद पड़े प्रोजेक्ट को गति मिल सके।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार द्वारा निकायों में बड़ी-बड़ी योजनाएं संचालित की जा रही है परंतु कुशल अधिकारियों कर्मचारियों के अभाव में गुणवत्तापूर्ण कार्य नहीं हो पाता है, सागर में मुख्य रूप से कुशल अधिकारियों की पदस्थापना की जाए एवं प्रदेश में नगरी निकायों में स्थानांतरण के आधार पर अधिकारियों कर्मचारियों को पदस्थ किया जाए।
उन्होंने सागर सहित पूरे मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत अधबने हुए मकानों को पूर्ण करने के लिए राशि की मांग की उन्होंने कहा कि बिल्डिंग तो कंप्लीट हो गई है परंतु अधों संरचना के कार्य अधूरे हैं इन्हें अविलंब पूर्ण कराया जाए ताकि हितग्राहियों को आवासों में शिफ्ट किया जा सके।
उन्होंने कहा कि वार्ड में टैक्स कलेक्टर महत्वपूर्ण कड़ी होता है इसकी नजर में वार्ड की सारी चीजें होती है यदि वार्ड में कोई अतिक्रमण या अवैध निर्माण किया जाता है तो टैक्स कलेक्टर पर इसकी जवाबदेही तय की जाए ताकि निर्माण के पूर्व ही उसे रोका जा सके।
उन्होंने मास्टर प्लान का विषय उठाते हुए कहा कि मास्टर प्लान के हिसाब से यदि किसी निर्माण में नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है तो उसे रोकने के लिए एक व्यवस्था बनाई जानी चाहिए जो तत्काल रूप से प्रभावी की जाए।
इसके अलावा नगरीय निकाय में भूखंड के नामांतरण में भूखंड का क्रमांक कॉलोनाइजर का नाम और पूरी जानकारी का उल्लेख किया जाना चाहिए ताकि भविष्य में उससे सम्बन्धित किसी भी विवाद से बचा जा सके। कार्यशाला में मध्य प्रदेश शासन के नगरी प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह जी, राज्य मंत्री ओ पी एस भदोरिया, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, प्रमुख सचिव मनीष सिंह, आयुक्त निकुंज श्रीवास्तव समेत समस्त नगर निगमों के पूर्व महापौर एवं विधायक गण उपस्थित थे।