हरियाली अमावस्या पर कुण्डीय गायत्री महायज्ञ के साथ वृहद वृक्षारोपण संपन्न हुआ

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हरियाली अमावस्या पर कुण्डीय गायत्री महायज्ञ के साथ वृहद वृक्षारोपण संपन्न हुआ

सागर-

अखिल विश्व गायत्री परिवार सागर के मुख्य प्रबंध ट्रस्टी डॉ0 अनिल तिवारी ने बताया कि गायत्री परिवार सागर के वृक्ष गंगा अभियान के अंतर्गत स्वामी विवेकानंद महाविद्यालय दीनदयाल नगर मकरोनिया में आज दिनाँक 08 अगस्त 2021 रविवार को पुष्य नक्षत्र योग के साथ हरियाली अमावस्या के शुभ महायोग के उपलक्ष्य में एक कुण्डीय गायत्री महायज्ञ के साथ वृहद वृक्षारोपण का आयोजन किया गया, जिसमें पौधों की शोभायात्रा के साथ 51 फलदार व छायादार वृक्षों जैसे आम, अमरूद, आंवला, नीबू, जामुन, पीपल, बरगद, नीम, अशोक, कदम्ब, आदि के पौधारोपण के साथ लगभग 1000 पौधे वितरण के लिए उपलब्ध कराए गए, एवं महाविद्यालय की दीवारों पर पं0 श्रीराम शर्मा आचार्य  के सदवाक्यों को भी लगाया गया, श्रीमती प्रतिभा तिवारी ने वृक्षारोपण की पूर्व व्यवस्था की एवं उनके संरक्षण करने का संकल्प लिया, साथ ही लगभग तीन माह से सतत् वृक्षारोपण में लगी गायत्री परिवार सागर की पूरी टीम के लिए श्रीमती प्रतिभा तिवारी द्वारा एक सम्मान भोज का आयोजन किया गया, जिसमें सागर जोन प्रभारी मोतीलाल शर्मा जी सहित गायत्री परिवार की पूरी टीम ने भाग लिया।

जोन प्रभारी मोतीलाल शर्मा ने कहा कि जब से दुनिया शुरू हुई है, तभी से इंसान और कुदरत के बीच गहरा रिश्ता रहा है। पेड़ों से पेट भरने के लिए फल-सब्जियां और अनाज, तन ढकने के लिए कपड़ा, घर के लिए लकड़ी, स्वास्थ्य के लिए औषधियों के साथ जीवनदायिनी ऑक्सीजन भी मिलती है, जिसके बिना कोई एक पल भी जिन्दा नहीं रह सकता। अमूमन सभी मजहबों में पर्यावरण संरक्षण पर जोर दिया गया है। भारतीय समाज में आदिकाल से ही पर्यावरण संरक्षण को महत्व दिया गया है। भारतीय संस्कृति में पेड़-पौधों को पूजा जाता है। विभिन्न वृक्षों में विभिन्न देवताओं का वास माना जाता है। पीपल, विष्णु और कृष्ण का, वट का वृक्ष ब्रह्मा, विष्णु और कुबेर का माना जाता है, जबकि तुलसी का पौधा लक्ष्मी और विष्णु, सोम चंद्रमा का, बेल शिव का, अशोक इंद्र का, आम लक्ष्मी का, कदंब कृष्ण का, नीम शीतला और मंसा का, पलाश ब्रह्मा और गंधर्व का, गूलर विष्णू रूद्र का और तमाल कृष्ण का माना जाता है, आज हरियाली अमावस्या होने के कारण इस दिन पौधारोपण करने के साथ उनके संरक्षण का संकल्प भी लेना चाहिए। इसी दिन देव व पितृ कार्य अमावस्या भी मनाई जाती है अतः इस दिन पितृ की शांति के लिए तीर्थ स्थल पर तर्पण व पूजन करने के महत्व के साथ पौधारोपण का भी महत्व है।

वृक्षारोपण प्रभारी डॉ0 अनिल खरे , गायत्री परिवार युवा प्रकोष्ठ के जिला संयोजक योगेश शांडिल्य जी ने सभी शहर वासियों से अपने जन्मदिन, विवाह दिवस, पुण्यतिथि आदि अवसरों पर वृक्षारोपण कर व अपने परिचितों को भी प्रेरित करके गायत्री परिवार के वृक्षगंगा अभियान के अंतर्गत अपने आस-पास की सुरक्षित जगह में वृक्षारोपण करके सम्पूर्ण विश्व को प्रकृति के असंतुलन से पैदा हुए संकट से बचाने के लिए अपना योगदान देने की अपील की वृक्षारोपण हेतु मो0 नं0, 94256 55871, 62661 93822, पर संपर्क कर सकते हैं।

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