कृषि अधिकारियों एवं वैज्ञानिकों द्वारा खेतों का निरीक्षण किया गया
सागर-
कलेक्टर दीपक सिंह के निर्देशानुसार एवं बी.एल. मालवीय उपसंचालक कृषि के मार्गदर्शन में कृषि अधिकारियों एवं वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा संयुक्त रूप से विकासखण्ड जैसीनगर के ग्राम बम्हौरीघाट में कृषक अशोक पटैल, लक्ष्मीनारायण, देवी सिंह ग्राम चादोनी के कृषक गब्बर सिंह राजपूत एवं ग्राम सेमरागोपालमन के कृषक रतन सिंह, निरंजन सिंह के खेतों में उड़द, सोयाबीन, प्याज एवं अरहर का निरीक्षण किया गया। सोयाबीन एवं उड़द के खेतों में पीला मोजेक एवं एथ्रेक्नोज रोग का प्रकोप देखा गया। निरीक्षण दल में वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. आशीष त्रिपाठी, जितेन्द्र सिंह राजपूत सहायक संचालक कृषि, एस.के. जैन वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के.सी. जैन एवं आर.के. कोरी उपस्थित थे। दल द्वारा फसलों को रोगों से बचाने हेतु निम्न समसायिक सलाह दी है।
उड़द की फसल में पीला मोजेक रोग के नियंत्रण हेतु सफेद मक्खी कीट का नियंत्रण करे इस हेतु थायोमेथाक्जाम 25 डव्ल्यू.डी.जी. (150 ग्राम) अथवा इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एस.एल. 150 मि.ली../हे अथवा थायोमेथाक्जाम 12.6 प्रतिशत $ लेम्डासायहेलोथ्रिन 9.5 प्रतिशत 125 मि.ली./हे. की दर से छिड़काव करने की सलाह दी गई।
उड़द की फसल में एथ्रेक्नोज रोग जिसमें पत्तियों पर हल्के भूरे से गहरे भूरे काले रंग के वृत्ताकार धब्बे बनते हैं के नियंत्रण हेतु कार्बेन्डाजिम अथवा थियोफिनेट मिथाइल की 500 ग्राम मात्रा अथवा मिश्रित फफूंदनाशी कार्बेन्डाजिम $ मेन्कोजेब की 1000 ग्राम मात्रा 500 ली. पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर के मान से छिड़काव करने की सलाह दी गई।
सोयाबीन मे सेमीलूपर, तम्बाखु की इल्ली, फलीछेदक कीटों के नियंत्रण हेतु क्लोरेन्ट्रानिलीप्रोल 18.5 प्रतिशत/150 मि.ली./हे. अथवा थायोमेथाक्जाम 12.6 प्रतिशत $ लेम्डासायहेलोथ्रिन 9.5 प्रतिशत जेड.सी. 125 मि.ली./हे. के मान से छिड़काव करें। सोयाबीन में राजोक्टोनिया पर्णझुलसन रोग का प्रकोप होने पर थियोफिनेट मिथाईल की 200 ग्राम मात्रा प्रति एकड़ के मान से छिड़काव करने की सलाह दी गई।
पोषक तत्वों की कमी से पीलापन होने पर प्रति सप्ताह घुलनषील उर्वरक एन.पी.के. 19ः19ः19 का छिड़काव करने की सलाह दी गई।