स्वामी विवेकानंद विश्विद्यालय में गाजरघास उन्मूलन अभियान हुआ सम्पन्न

गाजरघास उन्मूलन अभियान हुआ सम्पन्न

 सागर-

स्वामी विवेकानंद विश्विद्यालय में दिनाँक 16 अगस्त से 22 अगस्त 2021 तक गाजरघास उन्मूलन सप्ताह मनाया गया। इस अवसर पर अपने संदेष में कुलाधिपति डॉ.अजय तिवारी जी ने बताया कि -खरपतवार अनुसंधान निदेशालय द्वारा 16 से लेकर 22 अगस्त तक गाजरघास जागरूकता सप्ताह मनाया जा रहा है यह कार्य निष्चय ही प्रषंसनीय है इससे पर्यावरण प्रदूशण के साथ अन्य संबंधित षारीरिक व्याधियां भी दूर होंगी। छात्रों को संबोधित करते हुए प्रभारी कुलपति कुलपति डॉ.नीरज तोपखाने ने कहा कि- ‘‘गाजरघास जागरूकता सप्ताह‘‘ किसानों एवं आम जनता को गाजरघास के दुश्प्रभाव के बारे में जागरूक करने हेतु मनाया जा रहा है। गाजगघास जहां तक एक ओर मानव स्वास्थ्य एवं पषुओं में विभिन्न समस्यायें पैदा करती हैं वहीं दूसरी ओर पर्यावरण को दूशित करती है एवं उत्पादकता को कम करते हुये जैव विविधता को भी भारी नुकसान पहुंचाती है। इसी को दृश्टिगत करते हुए स्वामी विवेकानंद विष्वविद्यालय में दिनाँक 16 अगस्त से 22 अगस्त 2021 तक गाजरघास उन्मूलन सप्ताह मनाया गया। विभागाध्यक्ष डॉ.आर.के.सिंह ने बताया कि – गाजरघास न केवल उपज के लिए नुकसानदेय है अपितु ष्वसन तंत्र एवं त्वचा के भी हानि पहुंचाती है जिससे व्यक्ति षारीरिक रूप से अक्षम हो जाता है। डॉ.दिनेष सिंह ने बताया कि – इसके लिए घास को जड़ से उखाड़कर कंपोस्ट और वर्मी कम्पोस्ट बनाने के लिए इसका प्रयोग करने का भी आह्वान किया गया। इससे निजात पाने के लिए पत्ती खाने वाले मैक्सिकन वीटल और खरपतवार नासक रसायनों का प्रयोग करने की भी अपील की। कृशि वैज्ञानिकों का मानना है कि गाजरघास का उन्मूलन जागरूकता और जनभागीदारी से संभव है। ऐसे कई उपाय है जिन्हें अपनाया जाए तो नतीजे बेहतर मिलेंगे। श्री के.बी.षर्मा ने कहा कि – गाजरघास एक वैश्विक समस्या बन चुकी है और उसके उन्मूलन के लिए कृशि वैज्ञानिक कई अनुसंधान कर रहे हैं। गाजरघास देश में लगभग 350 लाख मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र में फैल चुकी है। यह साल भर फलता है, लेकिन मानसून में इसका अधिक अंकुरण होने से यह भीषण खरपतवार का रूप ले लेती है। गाजरघास का पौधा लगभग 25,000 तक बीज बना सकता है। यह 3-4 महीने में अपना जीवन चक्र पूरा कर लेता है तथा एक वर्ष में इसकी 3-4 पीढ़ियां पूरी हो जाती है। इससे लोगों में त्वचा संबंधी रोग का खतरा बना रहा है। अत्यधिक प्रभाव होने पर मनुष्य की मृत्यु तक हो सकती है। 16वें गाजरघास जागरूकता सप्ताह लोगों से इससे बचने की अपील सरकार द्वारा की गई है इसी के निमित्त यह कार्यक्रम आज विष्वविद्यालय में किया जा रहा है। इस अवसर पर अधिश्ठाता डॉ.मनीश मिश्र, डॉ.सुनीता जैन, श्री अनुराग ताम्रकार, केप्टन पी.के.दत्ता, श्री राजकुमार कुर्मी के साथ सभी षैक्षिक, अषैक्षिक कार्यकर्ताओं के द्वारा इस पुनीत कार्य में सहयोग किया गया। इसमें विष्वविद्यालय के छात्र/छात्राओं/ प्राध्यापकों एवं कर्मचारी गण के साथ कुलपति श्री नीरज तोपखाने का भी सहयोग प्राप्त हुआ जिसमें कुल संख्या 80 रही, स्थान-स्वामी विवेकानंद परिसर एवं सिरोंजा ग्राम में भी कार्य किया गया।

KhabarKaAsar.com
Some Other News

कुछ अन्य ख़बरें

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: इस पेज की जानकारी कॉपी नहीं की जा सकती है|
Scroll to Top