पत्थर के जिनालय हजारों वर्ष के लिए बन रहे हैं मुनि श्री समयसागर महाराज
सागर / आचार्य श्री विद्यासागर महाराज धरती पर नहीं होते तो हम मुनि राज कहां होते आपका धर्म ध्यान कहां होता लेकिन छोटी उम्र में आचार्य भगवन ने आत्म कल्याण के साथ विश्व कल्याण की योग्यता पाई है उनके आशीर्वाद से देश के लगभग दो दर्जन स्थानों पर बड़े-बड़े जिनालय पत्थर से निर्मित हुए हैं और निर्माणाधीन हैं यह हजारों वर्ष तक समाज की पहचान बनेंगे यह बात निर्यापक मुनि समयसागर महाराज ने कलश स्थापना समारोह के अवसर पर अपने प्रवचन में कही उन्होंने कहा कि आचार्य श्री विद्यासागर महाराज ने विश्व जो अंधेरे में था उसे प्रकाश दिया है 54 साल से वे लगातार आत्म साधना करते आगे जा रहे हैं आज उनका शरीर जर्जर होता जा रहा है लेकिन पक्के दृढ़ संकल्प से उन्होंने एक माह में पौने 400 किलोमीटर का पैदल बिहार कर लक्ष्य पूरा किया है आचार्य श्री के आशीर्वाद से जगह जगह जो पत्थर के मंदिर निर्मित हो रहै हैं वह सम्यक दर्शन की उत्पत्ति के लिए हैं यह जिनबिम्ब के दर्शन से प्राप्त होता है धर्म श्रवण आप लोगों को ही नहीं हम सब लोग भी करते हैं आचार्य श्री के दर्शन के बाद अद्भुत परिवर्तन होता है 1975 में जब मेरी (समय सागर) दीक्षा हुई थी उस समय क्या स्थिति थी और आज क्या स्थिति है मुनिश्री ने कहा आत्म कल्याण के साथ विश्व कल्याण की योग्यता आती है और गुरुदेव ने इसकी अलख जगाई है वर्षा योग के संदर्भ में उन्होंने कहा कि अब तक के इतिहास में पहली बार चातुर्मास कलश स्थापना के 2 दिन पूर्व आचार्य भगवन के संकेत सागर के लिए प्राप्त हुए हैं और उसी के बाद से यहां पर मानसून आया है आचार्य श्री ने विश्व को जो प्रकाश दिया है और हम भी प्रकाश पा रहे हैं उनके लिये कुछ बोलने पर शब्द बोने पड़ जाते हैं वे पूर्व का पुण्य लेकर के और वर्तमान के पुण्य को और आगे बढ़ाते हुए उसमें वृद्धि कर रहे हैं और उनकी यस कीर्ति फैल रही है।
गजेंद्र ठाकुर✍️-9302303212