स्व सहायता की महिलाओं को आत्मनिर्भरबनाने के लिए किये जाये प्रयास – निगमायुक्त

राष्ट्रीय आजीविका मिशन (शहरी) के अंतर्गत 

स्व सहायता की महिलाओं ने आत्मनिर्भर बनने की दिशा में स्वयं के उत्पाद बनाकर रोजगार स्थापित करने की दिशा में प्रयास प्रारंभ किये जहा चाह वही राह :- निगमायुक्त 

सागर-

जहा चाह वही राह राह है, इस पंक्ति को चरितार्थ किया है राष्ट्रीय आजीविका मिशन (शहरी) के तहत् 8 माह पहिले नगर निगम आयुक्त आर.पी.अहिरवार के प्रेरणा से गठित किये गये आत्मनिर्भर सागर स्व सहायता समूह जवाहरगंज वार्ड सागर ने जिसमें 11 महिलाओ के समूह ने अपने थोड़े-थोड़े बचत के पैसों से छोटी-छोटी मशीनों से गौ अंश और गूगल से धूप, अगरबत्ती, लोहान, धूनी, चिराग, हवन सामग्री, गोबर के कंडे बनाने का काम शुरू किया है यह ऐसी सामग्री है जो घरों में पूजा, हवन और धार्मिक कार्यो में नित्य काम आती है साथ ही मच्छर भगाने के लिये कपूर से बनी सामग्री बनायी है जिसे समूह की सदस्यों द्वारा तैयार कर उसे पैंिकंग कर बाजार में विक्रय किया जायेगा जिससे उन्हें जो आय होगी जिससे वह अपने स्व रोजगार को बढ़ायेंगी साथ ही स्वयं भी आर्थिक क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेंगी। यह कार्य उन महिलाओं के लिये भी प्रेरणादायी है जो समूहों से जुड़कर आत्मनिर्भर बनने की दिशा में काम कर रही है।

समूह द्वारा बनाये जा रहे उत्पादों का नगर निगम आयुक्त आर.पी.अहिरवार ने मौके पर जाकर निरीक्षण किया और उत्पादों का निर्माण कैसे किया जाता है उसको सूक्ष्मता से जानकारी ली लगभग 1 घंटे निगमायुक्त ने रूककर समूह की महिला सदस्यों से सामग्री निर्माण से लेकर उनके विक्रय तक की जानकारी ली और उन्हें इस कार्य में हरसंभव मदद करने का आश्वासन भी दिया।

समूह द्वारा शुरूआती दौर में 5 उत्पादों का निर्माण किया जा रहा है जिनमें धूप साब्रानी कप, जिसे चंदन डस्ट, गोबर, पानी और बर्निग पाऊडर से बनाया जाता है लोभान धूनी चिराग, जिसे लकड़ी के कोयला का पाऊडर, प्री-मिक्स पाऊडर और लोभान को मिलाकर बनाया जाता है धूप बत्ती छड़ी जिसे धूप, सा-डस्ट और सेंट फ्लेवर डालकर बनाया जाता है समूह द्वारा हवन में काम आने वाली समिधाओं का भी निर्माण किया जा रहा है जिसे गोबर और विभिन्न ग्रहों के नाम से पहचाने जाने वाली लकड़ियों के बुरादे से इसका निर्माण किया जा रहा है तो समूह द्वारा पूजा आदि में काम आने वाले गोबर के कंडों को सांचे से बनाया जा रहा है। इन उत्पादों को लंबे समय तक सुरक्षित रखने और परिवहन करते समय यह अपने मूल रूप में रहें और इन्हें कोई क्षति न पहुॅचे इसलिये इस समूह द्वारा इनकी पूरी पैकिंग की जाती है 2 साब्रानी कप की कीमत रू. 12/- रखी गई है, 6 कप के पैकिट का मूल्य रू. 35/- रखा गया है इसी प्रकार 12 कप लाईटर सहित पैकिट की कीमत रू. 70/- है तो 100 ग्राम धूप बत्ती पैकिट की कीमत रू. 18/- निर्धारित की है इसी प्रकार 7 गोबर के कंडों की कीमत रू. 10/- निर्धारित की है।

साब्रानी कप में गूगल फ्लेबर, धूप फ्लेबर लोभान फ्लेबर, कपूर तथा नीम फ्लेबर बनाये गये है जिसमें नीम फ्लेबर से मच्छरों को भगाने के काम आता है तो लोभान फ्लेबर बच्चों की नजर उतारे के काम आता है।

समूह के मार्गदर्शक सेन ने बताया कि इस समूह के गठन की प्रेरणा नगर निगम आयुक्त आर.पी.अहिरवार ने जनता माध्य स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में 8 माह पूर्व दी उसी प्रेरणा से प्रेरित होकर महिलाओं ने  समूह का गठन किया और गठन के बाद आत्मनिर्भर बनने की दिशा थोड़ी-थोड़ी राशि एकत्रित कर प्रयास शुरू किये और इन्हीं प्रयासों के चलते दिल्ली में समूह की कुछ महिलाओं ने इन उत्पादों के निर्माण करने का प्रशिक्षण लिया तथा कच्चे माल की आपूर्ति के संबंध में संपर्क किये और इन प्रयासों से ये उत्पाद करना शुरू किया है इन उत्पादों मंे सभी दैनिक जीवन से जुड़े हुये है जो प्रत्येक व्यक्ति किसी न किसी रूप में इस्तेमाल करते है और इनका मूल्य भी अधिक नहीं है दूसरी बात पर्यावरण को भी ध्यान में रखते हुये इन उत्पादों का निर्माण किया गया है।

इस अवसर पर निगमायुक्त आर.पी.अहिरवार ने महिलाओं द्वारा आत्मनिर्भर बनने की दिशा प्रारंभ किये गये प्रयास की सराहना करते हुये कहा कि गौअंश के नाम से समूह द्वारा उत्पादों का निर्माण कराया जा रहा है जिसमें चंदन गूगल, लोभान, कपूर आदि उपयोग करके उन उत्पादों का निर्माण किया जा रहा है जिनकी घरों में पूजन एवं धार्मिक कार्यो हेतु बहुत आवश्यकता होती इससे समूह की महिलाओं को रोगगार भी मिलेगा इसलिये हम सभी समूह द्वारा बनाये गये इन उत्पादों का उपयोग ताकि स्थानीय लोगोें को रोजगार भी मिलें साथ ही अन्य स्व सहायता समूह की महिलाओं को भी निःशुल्क प्रशिक्षण कराकर उन्हंे आत्मनिर्भर बनाने हेतु प्रयास किया जायेगा। ऐसे समूहों को नगर निगम द्वारा राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत् बैंकों से ऋण दिलाने का प्रयास भी किया जायेगा ताकि महिलायें स्वयं का रोजगार स्थापित करके आम्तनिर्भर बन सकें।

इस अवसर पर एन.यू.एल.एम.के सिटी मैनेजर सचिन मसीह, ,इस समूह के मार्गदर्शक अनिल सेन, डाॅ.प्रतिभा अनिल तिवारी, अध्यक्ष श्रीमति श्वेता सेन,सचिव श्रीमति सुमन चैरसिया, कोषाध्यक्ष श्रीमति काशी दुबे, सदस्य श्रीमति ऊषा मिश्रा, मंजू सेन, इंदु सेठ, ममता पाठक, सरला सेन, भारती राजपूत, निशी सेन, प्रभासवनी अहिरवार सहित अन्य नागरिकगण उपस्थित थे।

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