बच्चे हमारे प्राण हैं और हमें इनको सहेज कर रखना है
गुरु से बढ़कर कोई नहीं -मुख्यमंत्री चौहान
सागर-
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज मंत्रालय से “विद्यार्थी संवाद“ कार्यक्रम में प्रदेश के सभी शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों के कक्षा एक से 12 वीं तक के विद्यार्थियों के उत्साहवर्धन के लिये उनके साथ वर्चुअल चर्चा की। उन्होंने विद्यार्थियों के अभिभावकों और प्रदेश के शिक्षकों को भी संबोधित किया। नए कलेक्टर कार्यालय स्थित एन.आई.सी.कक्ष में इस कार्यक्रम को देखा और सुना गया।
इस अवसर पर उप संचालक लोक शिक्षण सागर संभाग प्राचीश जैन, जिला शिक्षा अधिकारी अजब सिंह ठाकुर, सहायक संचालक लोक शिक्षण सागर संभाग डॉ आशुतोष गोस्वामी, जी पी सिन्ना, एमएस ग़ौर, डॉक्टर गिरीश मिश्रा सहित शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय के व छात्र एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री चौहान ने इस अवसर पर कहा कि बच्चे हमारे प्रमाण हैं और हमें इनको सहेज कर रखना ही होगा उन्होंने कहा गुरु से बढ़कर कोई व्यक्ति नहीं ।उन्होंने कहा कि गुरु ज्ञान लेना अति आवश्यक है ।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में हमारे गुरुओं ने अपने बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा देकर जो अभूतपूर्व कार्य किया है वह इतिहास में लिखा जाएगा मैं समस्त गुरुओं को नमन करता हूं ।सभी से प्रार्थना करता हूं कि इसी प्रकार के ज्ञान के प्रकाश से प्रदेश के समस्त छात्र छात्राओं को अपना शिक्षा ज्ञान दें मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि हम जैसा सोचते हैं, वैसे ही बनते है। विद्यार्थी भी जैसा बनना चाहते हैं, वैसा सोचे और बन जाए
यदि आपने यह सोच लिया कि आपको मुख्यमंत्री, मंत्री, आई.ए.एस., आई.पी.एस., डॉक्टर, शिक्षक या इंजीनियर बनना है, तो आप बनकर ही रहेंगे। उन्होंने कहा कि कुछ बनने के लिये कुछ करना पड़ता है और आप लोग उम्र के ऐसे पड़ाव में है जो जीवन का सबसे महत्वपूर्ण पड़ाव है। इस उम्र में आप जो बनना चाहते है वह पहले से तय करें। इसका एक रोडमेप तैयार करें और अपनी मेहनत और लगन से आगे बढ़े। इसके लिये जीवन में अनुशासन और नियमितता अत्यंत आवश्यक है। आपको अपनी दिनचर्या निर्धारित करना होगी तभी आप अपनी साधना पूरी कर पायेंगे। इस साधना के लिये शरीर को स्वस्थ रखें, प्राणायाम करें। मन को एकाग्रचित्त कर अध्ययन करें तभी सफलता मिल पायेगी। उन्होंने कहा कि अध्यापन से बड़ा कोई पवित्र कार्य नहीं है, इसलिये शिक्षक इस कार्य को पवित्र भाव से ही करें जिससे उनका आदर हो व सम्मान बना रहे। बच्चों के अभिभावक भी बच्चों को पढ़ने और उनका कैरियर बनाने में सहयोग करें जिससे बच्चे शिक्षित होकर देश की सेवा करने के साथ ही अपने माता-पिता और गुरूजनों का नाम रोशन कर सकें।
उन्होंने जबलपुर, विदिशा, भोपाल और रायसेन जिले के विद्यार्थियों से वर्चुअल चर्चा भी की।
जिला शिक्षा अधिकारी अजब सिंह ठाकुर ने कहा कि विद्यार्थियों को कड़ी मेहनत करना अत्यंत आवश्यक है तभी वे परीक्षा में सफल हो पायेंगे। उन्होंने कहा कि कक्षा 11वीं और 12वीं के 2 वर्ष विद्यार्थियों के लिये अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं, क्योंकि इन दो वर्षो के परीक्षा परिणाम में ही उनके आगामी भविष्य का निर्धारण होता है, इसलिये इन दो वर्षो के दौरान कड़ी मेहनत करके पढ़ाई करें जिससे उनका भविष्य उज्जवल बन सके।