केंद्रीय जेल सागर के जेल अधिकारियों एवं बंदियों को तकनीकी रूप से प्रशिक्षित करने के लिए आयोजित किया गया प्रशिक्षण कार्यक्रम

केंद्रीय जेल सागर के जेल अधिकारियों एवं बंदियों को तकनीकी रूप से प्रशिक्षित करने के लिए आयोजित किया गया प्रशिक्षण कार्यक्रम

सागर –

वर्तमान में प्रचलित न्याय प्रणाली को और तीव्र गति देने तथा न्याय प्रणाली में तकनीक का प्रयोग करने के लिए समय-समय पर माननीय उच्च न्यायालय के द्वारा दिशा-निर्देश प्रदान किए जाते हैं, साथ ही न्यायिक प्रक्रिया को गति प्रदान करने के लिए अधिकारियों को समय-समय पर आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है लेकिन जेल अधिकारीगण एवं बंदीगण इस तकनीक से परिचित न होने के कारण उन्हें इस तकनीक का प्रयोग करने में कठिनाई होती है।

अतः डिजिटल तकनीक की जानकारी जेल के अधिकारियों एवं बंदियो को भी प्रदाय की जा सके, इस उद्देश्य से   प्रधान जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सागर, श्रीमान् बी. आर. पाटिल एवं   जिला न्यायाधीश श्रीमान विवेक शर्मा, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के मार्गदर्शन में आज दिनांक 2 जून, 2021 को केंद्रीय जेल सागर में वर्चुअल/ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी,  शरद जोशी के द्वारा पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से जेल के अधिकारियों और प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपस्थित बंदियों को इलेक्ट्रॉनिक कोर्ट सिस्टम एवं ई-कोर्ट सर्विस के बारे में विस्तृत रूप से समझाया गया, प्रशिक्षण कार्यक्रम में शरद जोशी जी के द्वारा ई-कोर्ट सर्विस एप के बारे में विस्तृत रूप से बताया गया कि, कैसे हम इस ऐप के माध्यम से केवल पक्षकार के नाम, अधिवक्ता का नाम, एफ आई आर नंबर अथवा सीएनआर नंबर के माध्यम से अपने मामले के बारे में एन्ड्राय मोबाइल से ही अथवा कियोस्क मशीन के माध्यम से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं कि, वर्तमान में मामला किस स्टेज पर है और सुनवाई की आगामी तिथि क्या है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में यह भी बताया है कि जिला न्यायालय सागर के प्रवेश द्वार पर ही ई-सेवा केंद्र स्थापित है, जिसमें पत्रकारों और उनके परिवार के सदस्य ई-सेवा केंद्र में उपस्थित  कर्मचारियों की सहायता से अपने प्रकरण के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। सचिव महोदय, श्रीमान विवेक शर्मा जी के द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम में बताया कि अपने स्मार्टफोन से ही एम.पी. हाई कोर्ट की साइट के माध्यम से किसी भी जिला न्यायालय में लंबित अथवा निराकृत प्रकरण की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और निर्णय की कॉपी भी डाउनलोड कर सकते हैं।

प्रशिक्षण कार्यक्रम के पश्चात् सचिव  के द्वारा उपस्थित बंदियो से उनकी समस्याओं और अधिवक्ताओं के बारे में पूछा और यह भी कहा कि यदि किसी बंदी के पास अधिवक्ता नहीं हैं तो निशुल्क विधिक सहायता अधिवक्ता की सेवा प्राप्त करना उसका अधिकार है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में विधिक सहायता अधिकारी अनुज कुमार चन्सौरिया एवं केंद्रीय जेल सागर के अधिकारीगण, और अधिक संख्या में बंदी उपस्थित रहे।

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