स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय के योग विज्ञान विभाग की ओर से आयोजित 19 से 21 जून तीन दिवसीय ऑनलाइन कार्यशाला का हुआ शुभारंभ
सागर-
सातवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष में स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय योग विज्ञान विभाग की ओर से ‘‘स्वस्थ शरीर और स्वस्थ मन’’ विषय पर तीन दिवसीय ऑनलाइन कार्यशाला का शुभारंभ 19 जून को वर्चुअल माध्यम से किया गया। उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि रहे मोक्षाय तान योग संस्थान सहारनपुर के संस्थापक पद्मस्वामी भारत भूषण जी ने अपने उद्बोधन मैं कहा कि योग हमे भारतीय ऋषियों की देन है, हम सभी योग के आचार्यों और शिक्षकों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हम योग का शुद्ध और सही तरीका लोगों तक पहुंचाएं जिससे योग की भारतीय पद्धति दुनिया तक पहुंच सके और विश्व में हम भारत को पुनः योग के माध्यम से विश्व गुरु के रूप में देख सकें। पद्मजी ने कहा कि योग ऐसा माध्यम है जो दुनिया को एक साथ चलना सिखाता है रोग मुक्त जीवन को जीना सिखाता है योग मात्र ही वह तरीका बन सकता है जो हमें शांति और सामंजस्य पूर्ण जीवन जीना सिखा सकता है।
स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. अजय तिवारी जी ने अपने संदेश में कहा कि आज के इस भागम-भाग के जीवन में शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहना एक चुनौती का विषय है इस आधुनिक समाज में योग की उपयोगिता और भी महत्वपूर्ण हो गई है, योग वह माध्यम बन सकता है जो इस व्यस्त समाज को आनंदित रखने का काम कर सकता है। संस्था के संस्थापक कुलपति डॉ. अनिल तिवारी जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि योग करना केवल अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के एक दिन का विषय नहीं है योग को हमारे प्रतिदिन की दिनचर्या का एक हिस्सा बनाना चाहिए तभी हम योग के माध्यम से अपने आप को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रख सकते हैं, इस सातवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस से हम सभी यह संकल्प लें कि हम अपने प्रतिदिन की दिनचर्या में योग को शामिल करेंगे तभी हमारा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाना सही मायनों में सफल रहेगा।
विशिष्ट अतिथि स्वच्छ भारत अभियान की ब्रांड एंबेसडर डॉक्टर नंदिता पाठक जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि कोरोना महामारी के इस समय में लोगो ने योग, आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा के माध्यम से अपने आप को सुरक्षित रखा। योग हमें सभी प्रकार की बीमारियों से बचाते हुए शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखने का काम करता है। अगर हम सब अपने दैनिक जीवन में योग को अपनाते हंै तो योग हमे सभी प्रकार की बीमारियों से बचाते हुए एक स्वस्थ और सुखी जीवन जीने की ओर आगे बढ़ाता है। विशेष अतिथि गंगा विचार मंच जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार के राष्ट्रीय संयोजक डॉ .भारत पाठक जी ने अपने उद्बोधन में कहा भारत ही वह देश है जहां सभी योगियों ने जन्म लिया दुनिया को योग भारत की देन है योग दिवस के साथ पश्चिमी दुनिया के लोग योग को अपना रहे हैं और योग के माध्यम से भारतीयता को, भारतीय जीवन पद्धति, भारतीय संस्कृति को अपना रहे हैं। योग हमारे जीवन में एक दिव्यता लाता है और जीवन जीने का सही तरीका हमें सिखाता है। हम सभी योग के साथ अपने आप को स्वस्थ और तरोताजा रखें और स्वच्छ भारत के साथ स्वस्थ भारत बनाने में हम सब अपनी भूमिका दें।
इस पूरे कार्यक्रम के संयोजक स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय योग विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष गगन सिंह ठाकुर ने कहा कि यह तीन दिवसीय ऑनलाइन कार्यशाला तीनो दिन 2 सत्रों में चलेगी। प्रथम सत्र में आयुष मंत्रालय द्वारा आयोजित योग प्रोटोकॉल का अभ्यास कराया जाएगा और द्वितीय सत्र में आमंत्रित अतिथियों के उद्बोधन की श्रंखला रहेगी। गगन सिंह ने बताया कि स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय के फेसबुक पेज और डॉ. अनिल तिवारी जी के फेसबुक पेज के माध्यम से सभी शहरवासी इस ऑनलाइन कार्यशाला का हिस्सा बन सकते हंै और अपने घर पर रहकर ही योग सीख सकते हैं। कार्यक्रम में मुख्य रूप से मनीष मिश्रा, मनीष दुबे, डॉ. सुनीता जैन, डॉ. ममता सिंह, डॉ.नीरज तोपखाने, भवानी सिंह, डॉ. सारिका शुक्ला, डॉ. नरेश नाथ और बड़ी संख्या में संस्था के अधिकारी, कर्मचारी शहर के लोग और विद्यार्थी सम्मिलित रहे।