सातवीं अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस
सातवीं अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस 3 एम.पी. सिग्नल एन.सी.सी. सागर एवं डाॅ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर (म.प्र.) के संयुक्त तत्वाधान से वर्चुअल प्लेटफार्म पर आयोजित की गई । जिसमें मान्नीय कुलपति जी प्रो. जे.डी. आही ने अध्यक्षता करते हुए योग के मूल्यों को जीवन में शामिल करने के लिए अधिकारियों एवं एन.सी.सी. केडिटों को शपथ दिलाई गई । मुख्य अतिथि ब्रिगेडियर संजीत सिंह बक्सी ने कहा एन.सी.सी. केडिटों के द्वारा शारीरिक व्यायाम में योगाभ्यास शामिल है जो केडिटों को शारीरिक एवं मानसिक तंदुस्ती के लिए अतिआवश्यक है । करोना-19 महामारी के बीच योग बहुत हद तक मानवीय जीवन में उपयोगी साबित हो रही है । प्रधान मंत्री मान्नीय नरेन्द्र मोदी जी ने इस साल योग दिवस के थीम को ‘‘योग फाॅर वेलनेस‘‘ है जो शारीरिक एवं मानसिक तंदुस्ती के लिए योगाभ्यास पर केन्द्रीत है । विशिष्ट अतिथि प्रो. ए.डी. शर्मा, अधिष्ठाता, छात्र कल्याण ने कहा ‘योगसूत्र, योगदर्शन का मूल ग्रंथ है यह छः दर्शनों में एक शास्त्र है और योगशास्त्र एक ग्रंथ है‘ । योग के 84 प्रकार बताये गये हैं परन्तु महत्वपूर्ण योग मात्र 12 हैः- राजयोग, हठयोग, लययोग, प्राणयोग, ऋजुयोग, नादयोग, भक्तियोग, कर्मयोग, स्वरयोग, मंत्रयोग,तथा तंत्रयोग । इस प्रकार महत्वपूर्ण साधनाओं का निचोड़ एक ही पद्धति में समाविष्ट है और यही योग की विशेषता है । विशेष अतिथि कर्नल आर. जर्नादन राव, आफीसर कमांडिग 3 एम.पी. सिग्नल कंपनी एन.सी.सी. सागर (म.प्र.) ने योग की साधना के महत्व को प्रज्ञा और ज्ञान का केन्द्रबिन्दु माना है । जिससे केडिट को शिक्षा के साथ-साथ मानसिक शांति प्राप्त होती है । अतिथि वक्ता प्रो. ए.पी. मिश्रा, चेयरमेन, एडमीशन सेल कहा आज व्यक्ति योग के अध्यामिक पक्ष की ओर कम रूचि रखते है जबकि आधुनिक चिकित्सा की ओर अधिक आर्कषित हो रहे है जबकि पंचकोश योग के माध्यम से जीवन को अत्यंत सरल एवं सुखमय बनाया जा सकता है । इस कार्यक्रम के आयोजन सचिव लेफ्टीनेंट डाॅ. धर्मेन्द कुमार सराफ ने योग कार्यक्रम की प्रस्तावना रखी । तथा कार्यक्रम के आयोजक लेफ्टीनेंट डाॅ. गौतम प्रसाद ने अतिथियों का स्वागत एवं आभार प्रकट किया ।