पत्नी के कोविड पोजेटिव आने पर पति ने हर समय साथ रहकर किया एक अनोखा उदाहरण पेश किया
सागर-
कोरोना जैंसी महामारी में आज जहां पूरी दुनिया सकते मे हैं और लोग कोविड मरीजों से दूरिया बनाते नजर आ रहे हैं वहीं एक पति ने अपनी पत्नी का अस्पताल में कोविड वार्ड में हर समय साथ रहकर बच्चे और पत्नी की देखरेख कर एक अनूठा उदाहरण पेश किया। जानकारी के अनुसार सागर के बाईसा मुहाल निवासी साक्षी तिवारी उम्र 25 वर्ष को 4 मई से बुखार शुरू हुआ 5 मई को 104 तक पहुँच गया 6 तारीख को चैक कराया तो रेपिड टेस्ट पॉजिटिव 8 तारीख को त्ज्च्ब्त् की रिपोर्ट भी पोजेटिव आई! 8 मई से 12 मई तक होम आइसलोलेट रहकर
निरंतर दवा,काढ़ा, भाँप, प्राणयाम पति के साथ मिलकर शुरू किया फिर भी हालात नियंत्रण से बाहर जाते प्रतीत हुए तो 12 की शाम को मेडिकल कॉलेज में भर्ती के लिए पहुँचे तो वहाँ डॉक्टर्स के मना करने के बाद भी पति ने जिद की पत्नी के साथ रहकर हौसला बढ़ाते हुए ,हर तरह का ख्याल रखने का संकल्प लिया!
पति प्रकृति प्रेमी महेश तिवारी के समपर्ण को समझते हुए डॉक्टर ने पति की विशेष रिक्वेस्ट और उन्ही की रिस्क पर भारी संक्रमण के बीच जाने की परमिशन दी साथ मे डेढ़ साल की बेटी प्रकृति जो मास्क तक नहीं लगा सकती वो भी माँ के साथ करीब 18 घण्टे मेडिकल कॉलेज में एडमिट रहने के बाद जब हालात में सुधार व देखरेख के अभाव में निजी अस्पताल की ओर रूख करना उचित समझा!!
5 दिनों तक निजी अस्पताल में भर्ती रहने के बाद हालत सामान्य होने पर 17 मई की शाम को डिस्चार्ज कर दिया गया!
पति प्रकति प्रेमी महेश तिवारी को जिला प्रशासन सागर द्वारा कोविड सेंटर में मरीजों को योग सिखाने का भी बोलेंटियर के रूप में दायित्व मिला हैं!
साथ ही कोविड मरीजों की हौसलाअफजाई हेतु लगातार कॉन्सलिंग भी करते हैं ! जिसमें
पति का मानना था कि
इस बीमारी में मरीज अकेलापन के शिकार होने से नकारात्मक भाव के चलते इच्छाशक्ति में कमी आने लगती हैं परिणामस्वरूप मरीज की हालत में सुधार की वजाए विपरीत व भयावह परिणाम देखने मिलते हैं!
अतः इसी बात को दिमाग मे रखते हुए
खुद कोविड नेगेटिव होने के बाद भी हर पल वाइफ के साथ ही रहें!
पत्नी ने अस्पताल में दूसरे दिन से ही अनुलोम-विलोम प्रणायाम व ॐ के उच्चारण से ऊर्जा व आत्मविश्वास एकत्रित करना शुरू कर दिया था वार्ड के अन्य मरीजों व अटेंडर्स को भी प्राणायाम की प्रेरणा मिली! वही पति महेश ने भी कोविड मरीजों के मनोरंजन, उनको आवश्यक सहयोग में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी
एक हाथ मे 18 माह की बेटी तो दूसरे में दवा या गर्म पानी की बोतलें थामे आँखों मे पत्नी को ठीक करके घर ले जाने का जुनून जिसने भी देखा सभी ने साहस को सलाम किया! चूँकि अस्पताल में हर जगह संक्रमण के चलते बेटी को नीचे नहीं छोड सकते थे ऐसे में पूरे समय बेटी या तो पिता के गोद मे रही या मरीज माँ के साथ पलँग पर लेकिन किसी ने भी हिम्मत नही हारी डॉक्टर्स ने भी पूर्ण सहयोग किया पति महेश बताते हैं कि
घर मे बुजुर्ग माँ हैं जो टायफाइड से पीड़ित हैं अतः उनके पास बेटी को छोड़ने से माँ के लिए संक्रमण का खतरा बढ़ सकता था व बेटी भी अपनी माँ के बिन नहीं रह सकती थी साथ ही बेटी खुद भी कुपोषण का शिकार हैं
और निरंतर दवा सेवन करती हैं ऐसे में उसे भी विशेष केयर की आवश्यकता थी अतः तीनो साथ ही रहें!
मरीज साक्षी के दोनो समय प्राणयाम करने से
नतीजा यह मिला कि तीसरे दिन ही ऑक्सीजन मास्क निकल गया फिर जरूरत नहीं पड़ी भर्ती के समय ऑक्सीजन 85से 88 के बीच था व गर्भवती होने के चकते अतिरिक ऑक्सीजन की जरूरत भी थी! दूसरी तरफ प्रानायाम के समय मे भी बढ़ोतरी पेशेंट साक्षी के द्वारा की गई जिससे जल्द ही अस्पताल से छुटी दे दी गई!
अब वो अन्य महिलाओं को प्राणायाम
प्रोटीन डाइट,सकारात्मक रवैया,इच्छाक्ति आदि से वायरस को खत्म करने हेतु प्रेरित कर रही हैं व पति प्रकृति प्रेमी द्वारा लोगो को अपने परिजनों का साथ देने,उत्साहवर्धन करने हेतु लगातर फोन व अन्य डिजिटल माध्यमो से प्रेरित किया जा रहा हैं! वहीं उनकी बेटी भी पूर्ण स्वास्थ्य हैं!
प्रकृति प्रेमी अपने सभी शुभचिंतकों, डॉक्टर्स,नगर विधायक शैलेन्द्र जैन , निगमायुक्त आर. पी. आहिरवार व ईश्वर का आभार व्यक्त करते हुए अधिक से अधिक पौधारोपण व अन्य प्रकार से पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम करने का संकल्प ले चुके हैं!`