उपार्जन केन्द्रों में समूहों ने मारी बाजी प्रदेश में गेहूं संग्रहण में सागर जिला अव्वल
सागर –
कोरोना काल में जहां सब ओर लोगों में अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता का माहौल है। वहीं जिले के किसानों ने रवि की फसल में भरपूर मेहनत करके जिले को नंबर 1 पर लाने लायक उत्पादन करके दिखाया है।
दीपक सिंह जिला कलेक्टर सागर के माध्यम से जिले में 206 उपार्जन केन्द्रों में 56 उपार्जन केन्द्रों के संचालन का दायित्व आजीविका मिशन के द्वारा गठित महिला स्वयं सहायता समूहों को पहलीवार सौंपा गया है। इन महिलाओं ने भी गेहूं संग्रहण में प्रदेश में रिकार्ड कायम किया है। गत दिवस तक जिले में इन 56 केन्द्रों में 9523 किसानेां से 6.63 लाख क्विंटल गेहूं का संग्रहण कर प्रदेश में सर्वाधिक गेहूं संग्रहण का रिकार्ड कायम किया है।
मनीष पवार राज्य परियोजना समन्वयक भोपाल के अनुसार इस क्रम में सागर पहले नंबर पर है जबकि जबलपुर 6.05 लाख क्विंटल, दमोह 5.10, शिवपुरी 2.13 और चैथे नंबर 1.44 लाख क्विंटल गेहूं संग्रहण के साथ देवास जिला रहा है।
जिले में गेहूं संग्रहण कार्य से जुड़े महिला समूहों के बारे में डाॅ. इच्छित गढ़पाले मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत का कहना है कि इस कार्य के माध्यम से महिलाओं के आजीविका के नये अवसर तथा सामाजिक क्षेत्र में उनकी भागीदारी को और बढ़ाने के लिए प्रयास किये गये। गेहूं उपार्जन केन्द्रों में महिलायें सक्रियता के साथ तुलाई संग्रहण भण्डारण और परिवहन का कार्य पूर्ण उत्तर दायित्व से निभा रहीं हैं। ब्रजेन्द्र नामदेव जिला प्रबंधक आजीविका मिशन के अनुसार संग्रहण केन्द्रों का सतत मूल्यांकन और निगरानी के लिए केन्द्रों पर तैनात आॅपरेटर आॅनलाइन एमआईएस फीडिंग करते हैं जिससे प्रतिदिन की संपूर्ण जानकारी अपडेट हो जाती है। हरीश दुबे, जिला परियोजना प्रबंधक के अनुसार ग्राम पामाखड़ी के साक्षी स्व. सहायता समूह ने सर्वाधिक 29120, जैतपुर के गौरी स्व. सहायता समूह ने 19999, धनगुंवा के श्रीगणेश स्व. सहायता समूह ने 19112 और खड़ौआ के शक्ति समूह ने 17659 क्विंटल गेहूं का किसानों से अब तक संग्रहण किया है।
अनूप तिवारी जिला प्रबंधक कृषि ने बताया कि मिशन के माध्यम से समूह से जुड़े परिवारों को उत्पादन तकनीकी के बारे में सतत जानकारियां दी जाती हैं। उत्तम बीज का प्रयोग बोनी से पहले बीज का उपचार किया जाना, पौधे से पौधा कतार से कतार के बीच दूरी का निर्धारण सिंचाई एवं उर्वरक प्रबंधन के बारे में कृषि सीआरपी का कैडर महिला समूहों को सतत जागरूक करता है। यही कारण है कि जिले में गेहूं का अच्छा उत्पादन हो सकता है। गेहूं उत्पादन की श्रीविधि जिसमें कम मात्रा में गेहूं को बोया जाता है इससे विपुल मात्रा में गेहूं का उत्पादन होता है किसान उससे पहले चैकड़ी बौनी की तरफ अग्रसर हो रहे थे जिसमें वे बिना सोचे समझे प्रति एकड़ 80 किलो तक बीज बो रहे थे। महिला किसानों को प्रति एकड़ बीज की मात्रा कम रखने की सलाह दी गई।