महामारी के संकट को जीतने के लिए सामाजिक जागरूकता जरूरी: प्रो दिवाकर सिंह राजपूत

महामारी के संकट को जीतने के लिए सामाजिक जागरूकता जरूरी: प्रो दिवाकर सिंह राजपूत

सागर-

“कोविड-19 महामारी के संकट से ना केवल हमारा देश वरन् पूरा विश्व जूझ रहा है। इस महामारी पर नियंत्रण पाने और समस्या समाधान के लिए सुरक्षा उपायों के साथ ही सामाजिक जागरूकता और सक्रिय सहभागिता बेहद जरूरी है। विश्वास और संवाद के संकट को हटाना होगा, भारतीय मूल्यों और प्रकृति के प्रति सम्मान रखना होगा।” ये विचार दिये प्रो दिवाकर सिंह राजपूत ने एक अंतर्राष्ट्रीय वेबीनार में विशिष्ट अतिथि और आमंत्रित वक्ता के रूप में। डाॅ हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर मध्यप्रदेश के समाजशास्त्र एवं समाजकार्य विभाग में पदस्थ प्रोफ़ेसर दिवाकर सिंह राजपूत ने सामाजिक विलम्बना सोशल लेग, सायबर हाइजीन, प्रकृति संरक्षण और अपराध नियंत्रण पर भी प्रकाश डाला। डाॅ राजपूत ने कहा कि प्रकृति की गोद में ही सुरक्षा और सुकून पाया।

मुख्य अतिथि के रूप में उदबोधन देते हुए पद्मभूषण डाॅ अनिल जोशी ने कहा कि प्रकृति की भाषा हमको समझ नहीं आती, इसलिए महामारी का संकट झेलना पड़ता है। प्रकृति का विकल्प ढूंढने के दुस्साहस से ही हम सब भुगत रहे हैं। हिमालयन पर्यावरणीय अध्ययन एवं कन्वरशेसन संगठन के फाउण्डर डायरेक्टर डाॅ जोशी ने कहा कि जंगल बढ़ाइये और पानी बचाइये।

स्कूल ऑफ मेडीसिन मैक्सिको यू एस ए के वैज्ञानिक डाॅ मनमीत रावत ने अपने उदबोधन में कहा कि स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें। उन्होंने वैक्सीनेशन के लाभ भी बताये। हरिद्वार के डाॅ संदीप कुमार ने फर्टिलाइजर और न्यूट्रीशन पर केन्द्रित व्याख्यान दिया।

अंतर्राष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन डीएवी पीजी कालेज नईदिल्ली और यंग सोशल साइंटिस्ट एसोशियेशन ऑफ इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। प्राचार्य डॉ कृष्णाशर्मा का योगदान सराहनीय रहा।

डाॅ तन्वी भाटी ने परिचय दिया और संयोजक डाॅ राकेश राणा ने आभार व्यक्त किया।

कार्यक्रम आयोजन कर्ताओं ने विषय विशेषज्ञ प्रो दिवाकर सिंह राजपूत के पिता जी के प्रति श्रद्धांजलि एवं प्रार्थना करते हुए दो मिनट का मौन रखा।

कार्यक्रम मे प्रतिभागियों ने अपनी जिज्ञासायें रखी, जिनका समाधान विषय विशेषज्ञों ने किया।

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