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मेडिकल किट की उपलब्धता के लिए जनपद सीईओ ने जारी किया स्वयं का काॅन्टेक्ट नंबर

जिंदगी और जल दोनों को सहेजने की कवायद जारी है मेडिकल किट की उपलब्धता के लिए जनपद सीईओ ने जारी किया स्वयं ...

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जिंदगी और जल दोनों को सहेजने की कवायद जारी है

मेडिकल किट की उपलब्धता के लिए जनपद सीईओ ने जारी किया स्वयं का काॅन्टेक्ट नंबर

वर्षा जल की एक एक बूंद को सहेजने की तैयारी

सागर –

ग्राम हनौता पटकुई, छापरी, बुलौआ, धवौली, भेड़ा चैका, गडर, भूषा कमलपुर आदि ग्रामों में आने वाली वर्षा के पानी को सहेजे जाने के लिए जनपद पंचायत बण्डा ने अपनी तैयारी जारी रखी है। लेकिन वर्तमान की कोविड संकट से जूझते लोगों को भी निजात देेने के लिए सभी 78 पंचायतों में औषधि केनद्र स्थापित हुए हैं बेहरोज सेमराबाग पपरिया चाउदा बरा समेत 15 भाप केन्द्रों का संचालन विकासखण्ड स्तर पर किया जा रहा है। संभावित संक्रमित व्यक्ति जनपद स्तर पर फोन करके मेडिकल किट की अपनी मांग भेज सकता है। उसे घर बैठे औषधि उपलब्ध कराई जावेगी। वर्तमान में भय साधनहीन और परेशानी में पडे़ लोगों के लिए इतनी मदद संवेदनशीलता की परिचालक है।

सुरेन्द्र खरे जनपद सीईओ बण्डा ने बताया कि विकासखण्ड स्तर पर अब तक 411 खेत तालाब बनकर तैयार हो गये हैं। 148 में काम प्रारंभ कर दिया गया है। ग्राम गड़र में गे्रबियन संरचना निर्माण चल रहा है। 7 पंचायतों में हैण्डपंप रिचार्ज के कार्य प्रगति पर हैं। ग्राम हनौता पटकुई छापरी धबौली बुलौआ में कंटूरटेंªच, गल्ली प्लग, लूज बोल्डर स्टेक्चर के माध्यम से पहाड़ी जल को संरक्षित किया जा रहा है। जबकि ग्राम चैका भेड़ाखास भूषा कमलपुर में चैकडेम निर्माण के साथ साथ विकासखण्ड की सभी 78 पंचायतों में 232 शासकीय भवनों की छतों से रैन वाॅटर हार्वेस्टिंग के कार्य प्रारंभ किये गये हैं। इन सभी कामों से ग्रामीण परिवारों को मनरेगा के अंतर्गत अपनी रोजी रोटी कमाने का भी अवसर मिल रहा है।

-डाॅ. इच्छित गढ़पाले सीईओ जिला पंचायत सागर ने बताया कि जिले के 11 विकासखण्डों में पंचायत स्तर पर औषधी केन्द्रों की स्थापना की गई है जहां आयुर्वेदिक होम्योपैथिक और एलोपैथिक तीनों विधि की दवाईयां उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराई गईं हैं। परन्तु लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए भी जिला पंचायत के स्तर पर आवश्यक कदम प्लान किये गये हैं। आगामी वर्षा ऋतु में बरसाती पानी को भू-जल स्तर को बढ़ाने के लिए कैच द रैन कार्यक्रम के अंतर्गत जल संग्रहण और छायादार तथा फलदार पौधों के रोपण को नियोजित किया गया है।

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