पूरी धार्मिक रीति-रिवाजों के साथ निगम के असली हीरो कोरोना संक्रमित व्यक्तियों का कर रहे हैं पूरे अपनत्व के साथ दाह संस्कार

पूरी धार्मिक रीति-रिवाजों के साथ निगम के असली हीरो कोरोना संक्रमित व्यक्तियों का कर रहे हैं पूरे अपनत्व के साथ दाह संस्कार

सागर –

सभी धर्मों के पूरे रीति रिवाज के साथ नगर निगम, नगर पालिका के जांबाज असली हीरो पूरी अपनत्व भावना के साथ कोरोना संक्रमित मरीज की मृत्यु के उपरांत दाह संस्कार कर रहे हैं कोई भी कोरोना संक्रमित व्यक्ति चाहे हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई की मृत्यु होने के तत्काल पश्चात उन्हें मेडिकल कॉलेज की मर्चुरी एवं जो कोरोना संक्रमित व्यक्ति की  यदि घर पर ही मौत होती है तो उनको घर से ले जाकर पूरी रीति रिवाज एवं अपनत्व की भावना लेकर 42 डिग्री तापमान, झुलसाने वाली गर्मी में पीपीई किट पहनकर अंतिम संस्कार में जुटे निगम के कर्मचारी मुर्दाघर से लेकर मुक्तिधाम, कब्रिस्तान में धार्मिक रीति-रिवाज से कर रहे है।

कलेक्टर श्री दीपक सिंह के निर्देश पर एवं नगर निगम कमिश्नर श्री आरपी अहिरवार द्वारा नगर पालिक निगम के स्वास्थ्य ,स्वच्छता कर्मचारियों के अमले को इस कार्य के लिए लगाया गया है।

तपती दोपहरी, सिर पर चिलचिलाता सूरज, श्मशान में धधकती चिताओं से निकलती लपटें,  इधर पीपीई किट के अंदर पसीने से तरबतर.फिर भी अनजाने, बेगाने कोरोना मृतकों के शवों को हाथों से उठाकर कभी चिताओं में जलाना, कभी कब्रिस्तान में सुपुर्दे खाक करना तो कभी केफीन में पैक कराकर दफनाना, ।

बीते दो महीनों में करीब 4 सैकड़ा लोगों को मुक्ति का मार्ग दिखा चुके नगर निगम के इन कोरोना योद्धाओं को हर कोई सैल्यूट कर रहा है।  दरअसल सागर नगर निगम के अधीन नरयावली नाका मुक्तिधाम, कब्रिस्तान और क्रिश्चियन कब्रिस्तान में कोरोना मृतकों के उनके धार्मिक रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार, क्रियाकर्म कराया जा रहा है। बीएमसी और निगम से मिली जानकारी अनुसार बीते दो महीनों में ही कोरोना पॉजिटिव, कोरोना संदिग्धों में कई सैकड़ों का अंतिम संस्कार कराया जा चुका है। इसमें आये दिन दो दर्जन के आसपास अंतिम संस्कार हो रहे हैं।

ऐसे दौर में जब किसी कोरोना मृतक के परिजन अपने चहेते की मृत काया को हाथ लगाने से भी डरते हैं, पास नहीं जाते, ऐसे दौर में ये स्वीपर कोरोना योद्धा की तरह अस्पताल के पोस्ट मार्टम हाउस से उठाकर वाहन में रखकर मुक्तिधाम, कब्रिस्तान पहुंचाते हैं। यहां तपती दोपहरी में पीपीई किट पहनकर योद्धाओं की दूसरी टोली उनके लिए चिताओं को सजाती है, विधि विधान से अन्तिमसंस्कार करती है। जबकि परिजन दूर छाया में खड़े होकर डर, भय के बीच  कातर भाव से बस प्रणाम कर इतिश्री कर लेते हैं।

मर्चुरी से मुक्तिधाम तक इन कोरोना योद्धाओं के काम, समर्पण को नकारा नहीं जा सकता। हम सभी को इनकी हौसला अफजाई करना चाहिए, इन्हें सहयोग व सपोर्ट करना चाहिए।

नरयावलीनाका श्मशान घाट  पर श्री प्रहलाद रैकवार , प्रभारी अधिकारी   श्री कुलदीप बाल्मीकि, स्वच्छता निरीक्षक के साथ 13 सफाई मित्रों द्वारा कार्य किया जा रहा है। जिसमें सफाई मित्र श्री आकाश करोसिया, रिंकू आदि द्वारा भी महत्वूर्ण सहयोग किया जा रहा है।

काकागंज श्मशान घाट पर श्री कृष्ण कुमार चैरसिया, सहायक वाहन प्रभारी एवं श्री हरेन्द्र खटीक, प्रभारी अधिकारी काकांगज श्मशान घाट , श्री आशुतोष सोलंकी एवं श्री गंधर्व सिंह ठाकुर, स्वच्छता निरीक्षक के साथ 12 सफाई मित्रों द्वारा कार्य किया जा रहा है।

अनिरुध्द चाचोंदिया स्वच्छता निरीक्षक  भूपेंद्र कोरी और शेलेन्द्र चैधरी दरोगा वरुण मनोज नरेंद्र सुनील सफाई कर्मचारी प्रतिदिन अपने कार्यों को अंजाम दे रहे हैं

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