सामाजिक रूपांतरण के साथ विकास के लिए शोध आज की आवश्यकता– प्रो दिवाकर सिंह राजपूत
सागर-
भारतीय समाजशास्त्र सोसायटी की शोध समिति 15 के तत्वावधान में “सामाजिक रूपांतरण एवं विकास” विषय पर केन्द्रित दो दिवसीय राष्ट्रीय बेवीनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के समापन समारोह में मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता के रूप में प्रो दिवाकर सिंह राजपूत ने कहा कि सामाजिक रूपांतरण और विकास के प्रत्येक पहलुओं को समझते हुए आज के दौर में नवीन शोध की आवश्यकता विशेष रूप से महत्वपूर्ण हो जाती है। प्रो राजपूत ने सामान्य और महामारी के संदर्भ में, स्थानीय और वैश्विक परिप्रेक्ष्य में, सैद्धान्तिक और व्यवहारिक रूप से समाजशास्त्रीय प्रारूपों की चर्चा करते हुए सायबर सुरक्षा और जागरूकता, औपचारिक- अनौपचारिक शिक्षा, सामाजिक विलम्बना सोशल लेग, ज्ञान का कल्याणकारी प्रयोग और सांस्कृतिक मूल्यों के प्रति सम्मान और कानूनी प्रावधानों के अनुपालन के साथ समगतिशील विकास के विभिन्न पहलुओं पर भी प्रकाश डाला। समन्वयक डाॅ आशुतोष व्यास ने कार्यक्रम को आकार दिया। अध्यक्षीय उदबोधन डाॅ नरेश भार्गव ने दिया। विशिष्ट अतिथि के रूप में उदबोधन श्री आशीष विजयवर्गीय ने दिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ श्रुति टंडन ने किया और डाॅ बी एन प्रसाद ने आभार व्यक्त किया। समन्वयक डाॅ आशुतोष व्यास ने कार्यक्रम की विस्तृत व्याख्या और समीक्षा भी प्रस्तुत करते सभी को धन्यवाद दिया।