व्यक्तित्व विकास से राष्ट्र निर्माण तक समाजशास्त्र विषय बेहद महत्वपूर्ण : प्रो दिवाकर सिंह राजपूत
सागर-
समाजशास्त्र विषय अपने अध्ययन की विषय वस्तु, प्रकृति, अध्ययन पद्धतियां और वृहद् शाखाओं के कारण व्यवहारिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करता है । सामाजीकरण, आदर्श मूल्य, साँस्कृतिक प्रतिमान, समस्या समाधान एवं इंडीजीनस नाॅलेज के साथ व्यक्तित्व विकास, सामाजिक सुरक्षा, राष्ट्र निर्माण और विश्व कल्याण के लिए ठोस आधार देने की भूमिका का निर्वहन करता है समाजशास्त्र ।” ये विचार दिये प्रो दिवाकर सिंह राजपूत एक व्याख्यान माला में मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता के रूप में उदबोधन देते हुए। शासकीय स्नातकोत्तर स्वशासी गर्ल्स महाविद्यालय सागर के समाजशास्त्र विभाग द्वारा आयोजित विशेष व्याख्यान माला में प्रो राजपूत ने कहा कि समाजशास्त्र के सैद्धांतिक अध्ययन के साथ ही व्यवहारिक ज्ञान को भी समझना होगा। समाजशास्त्र की औपचारिक शिक्षा के पहले ही परिवार, समाज और परिवेश से समाजशास्त्र की अनौपचारिक शिक्षा हम सब जन्म से जीवन पर्यन्त सीखते हैं। आदर्श समाज के निर्माण के लिए व्यक्तित्व विकास की भूमिका में समाजशास्त्र की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। सहयोग, प्रबंधन, समस्या निवारण और राष्ट्रीय एकता के साथ ही राष्ट्रीय विकास की दिशा में नवीन आयाम मिलते हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ बी डी अहिरवार ने समाज, संस्कृति, मानव मूल्य और भूमिका पर विस्तार से चर्चा की। डाॅ अहिरवार ने कहा कि समाजशास्त्र की लोकप्रियता उसके महत्व को दर्शाती है।
कार्यक्रम का संयोजन डाॅ रश्मि दुबे ने किया। संचालन डॉ संजय खरे ने किया और विभागाध्यक्ष डाॅ आशा पाराशर ने आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम के अंतिम चरण में छात्राओं को प्रमाणपत्र प्रदान किये गये।