बैंक सखी बनकर महिलायें हुई आत्मनिर्भर -जिला पंचायत सीईओ डॉ. गढ़पाले
सागर// ग्रामीण अर्थ व्यवस्था में सुधार लाने में महिलायें भी कंधे से कंधे मिलाकर आगे चल रहीं हैं। यही कारण है कि शिक्षा कृषि, पशुपालन व आजीविका के अन्य क्षेत्रों में महिलाओं ने अपना स्थान बनाया है। बैंक सखी प्रशिक्षण आरसेटी में चल रहीं 27 महिलाओं के बीच उपस्थित होकर डॉ. इच्छित गढ़पाले मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि बैंक सखी के रूप में आप अपने सेवाओं को केवल बैंकों तक सीमित न रखें। बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न बीमा योजनायें, लायसेंस बनवाना, जीवन बीमा आदि के कार्यों से भी जुडे़ इससे लोगों के जोखिम को कम किया जा सकेगा और बदले में आप मिलने वाले कमिश्न से और अधिक कमा सकेंगे। आपकी सेवाओं का दायरा भी बढ़ा होगा और लोगों तक सुलभता से सेवायें पहुंच सकेंगी।
आजीविका मिशन के द्वारा आरसेटी में 27 महिलाओं को बैंक सखी के रूप में छः दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया है इस प्रशिक्षण में उन्हें डिजीपेय आईडी पर सीएससी के माध्यम से बैंकिंग सेवायें प्रदाय करना है। प्रशिक्षण में इसी विषय वस्तु पर उन्हें जानकारी दी जा रही है। छः दिवसीय प्रशिक्षण के अंत में आईआईबीएफ संस्था के द्वारा इनका इंटरव्यू लिया जायेगा जो ऑनलाइन होगा। जो प्रतिभागी इस साक्षात्कार में सफल होंगे उन्हें अपनी सेवाओं को जारी रखने का अवसर दिया जावेगा।
प्रशिक्षण में अनुभवी बैंकर्स के द्वारा इन्हें प्रशिक्षित किया जा रहा है आज इस अवसर पर हरीश दुबे जिला परियोजना प्रबंधक, शांतिलाल ब्राहम्णे, समीर दीक्षित जिला प्रबंधक आजीविका मिशन उपस्थित रहे। प्रशिक्षण में सागर, मालथौन, बण्डा, खुरई, समेत सभी विकासखण्डों से कुल 27 प्रतिभागी इस बैच में प्रशिक्षित किये जा रहे हैं। आगामी बैचों में 150 अन्य प्रतिभागियों को भी प्रशिक्षण दिया जावेगा।