बलात्कार एवं मानवता की हत्या करने वाले आरोपियों को मौत की सज़ा न्यायालय द्वारा मामले को विरलतम श्रेणी का माना गया
सागर। न्यायालय उमाशंकर अग्रवाल अपर सत्र न्यायालय बण्डा जिला सागर के न्यायालय ने आरोपी रामप्रसाद अहिरवार एवं वंशीलाल अहिरवार को नाबालिग से बालात्कार करने एवं हत्या करने तथा साक्ष्य छिपाने के आरोप में दोषसिद्ध पाते हुए मृत्यूदण्ड से दंडित किया। प्रकरण जघन्न होने के कारण प्रकरण का सतत मोनीटरिंग संचालक लोक अभियोजन विजय यादव भा.पु से. द्वारा किया जा रहा थी एवं प्रकरण की पैरवी के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश एवं मार्गदर्शन समय समय पर जारी किये जा रहे थे। प्रकरण में उप-संचालक(अभियोजन) सागर अनिल कटारे द्वारा पैरवी की गयी साथ ही वरिष्ठ एडीपीओ ताहिर खान बण्डा द्वारा भी प्ररकण में पैरवी की गयी एवं प्रभावी अंतिम तर्क एवं न्यायदृटांत प्रस्तुत किये। जिसके आधार पर अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया घटना का संक्षिप्त विवरण दिनांक 14.03.2019 को फरियादी ने टीआई सतीश सिंह थाना बण्डा के समक्ष विवरण बताया था जिसपर टीआई श्री सिंह ने अविलंब रिपोर्ट दर्ज कराई रिपोर्ट में विवरण..फरियादी ने बताया कि उसकी नाबालिग लडकी जिसकी उम्र 12 साल है को कोई अज्ञात व्यक्ति बहला-फुसला के ले गया पुलिस ने रिपोर्ट पर अपराध दर्ज किया जाकर तलास पतारसी की गई, दिनांक 14.03.2019 को बेरखेडी मौजाहार से उक्त नाबालिग की लाश बरामद की गई जो किसी धारदार हथियार से गला काटकर हत्या कर दी गयी, घटना स्थल से करीब 45 फीट दूरी पर मृतिका का सिर पड़ा हुआ था, जिसमें अज्ञात आरोपी के विरुद्ध 302 ताहि का इजाफा किया गया।
पी.एम. रिपोर्ट में डॉक्टर द्वारा सामूहिक बलात्कार की पुष्टि की गई प्रकरण में पुलिस ने धारा 376, 377 भादवि एवं 5/6 पॉक्सो एक्ट का इजाफा किया गया। प्रकरण में अनुसंधान के दौरान आरोपीगण द्वारा मृतिका के साथ बारी-बारी से जबरन बलात्कार करना एवं हसिया से गला काटकर हत्या कर देना पाया गया। उक्त्त घटना से संबंधित वस्तुओं को जप्त किया गया और आरोपीगण को परीक्षण के लिए भेजा गया उक्त प्रकरण की विवेचना पूर्ण कर अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष पेश किया गया न्यायालय द्वारा प्रकरण की परिस्थितियों को देखते हुए प्रकरण को विरले से विरलतम श्रेणी में माना गया। जिसके आधार पर न्यायालय द्वारा आरोपी रामप्रसाद अहिरवार को धारा 363, 366, 376(क) (स) 376(4)(a) 302, 34 भादवि एवं 6(छ) सहपठित धारा 6. 5() (द) पॉक्सो एक्ट में दोषसिद्ध पाते हुए मृत्यूदंड से दंडित किया एवं आरोपी बंशीलाल अहिरवार को 376(ब)(), 302, 201 भादवि में दोषसिद्ध पाते हुए मृत्यूदंड से दंडित किया गया।