सूर्यग्रहण
सदी का दूसरा सबसे बड़ा सूर्यग्रहण , आज लगने वाला सूर्यग्रहण वलयाकार/कंकणावर्ती या चूड़ामणि सूर्यग्रहण है। जिसके चंद्रमा सूर्य को लगभग 98.9% तक ढक लेगा और यह अवधि 1 मिनट 17 सेकंड की होगी। जिन क्षेत्रों से यह छाया क्षेत्र गुजरेगा वही दिन में हल्का अंधेरा हो जाएगा।
भारत मे सबसे पहले सूर्यग्रहण गुजरात के द्वारका में दिखना शुरू होगा। जहां ग्रहण का 70% से 80% असर होगा।
ग्रहण का छाया क्षेत्र राजस्थान के बोर्डर एरिया से शुरू होगा और उत्तराखंड व चीन बॉर्डर पर खत्म होगा। भारत मे छाया क्षेत्र उत्तरी खाजूवाला, घड़साना, अनूपगढ़, जैतसर, विजयनगर, सूरतगढ़, दक्षिण पीलीबंगा, उत्तरी रावतसर, सिरसा, रतिया, जाखल, उत्तरी टोहाना, खानोरी, उत्तरी कैथल, पेहवा, कुरुक्षेत्र, लाडवा, यमुनानगर, जगाधरी, बेहत, देहरादून, टिहरी, चमोली, गोपेश्वर और जोशीमठ में सबसे अधिक साफ दिखेगा।
सम्पूर्ण हरियाणा, पंजाब, उत्तरी राजस्थान, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश में सूर्यग्रहण का 90% से 98.9% असर होगा।
दक्षिण राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश, अवध, बुंदेलखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश व बिहार में ग्रहण का 70% से 80% असर होगा।
महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, झारखंड में ग्रहण का 50% से 60% असर होगा।
इस प्रकार का सूर्यग्रहण 24 अक्टूबर 1995 को भी एक बार लग चुका है कि जब दिन में ही ऐसा लग रहा था मानो रात हो गयी है। अपने देश में सूर्यग्रहण लगभग सुबह 10 बजकर 13 मिनट और 52 सेकण्ड से शुरू होकर दोपहर 01 बजकर 29 मिनट और 52 सेकण्ड तक रहेगा। देश के अलग–अलग भागों में यह अलग–अलग समय पर दिखाई पड़ेगा।
कृपया सूर्यग्रहण को नंगी आखों से कतई न देखे