लॉक डाउन की अवधि बड़ाने वाले WHO के लैटर की पड़ताल सामने आया सच

सारी दुनियां कोरोना वायरल के खिलाफ एक जुट होकर लड़ रही हैं लगातार वायरस की वेक्सीन पर काम चल रहा हैं इसी बीच सोशल मीडिया पर तरह-तरह के मैसेज वायरल होते देखें जा रहें हैं इनमें से कई फेक साबित हो रहें हैं इसी में से एक आज कल वायरल मेसेज देखा जा रहा हैं जिसमें विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO का हवाला देखर एक लैटर वायरल किया जा रहा हैं पर जानकारी जुटाने पर पता चला हैं कि यह 100% फेक मेसेज हैं इस तरह का कोई प्रोटोकॉल WHO ने जारी नही किया हैं

सारी दुनियां कोरोना वायरल के खिलाफ एक जुट होकर लड़ रही हैं लगातार वायरस की वेक्सीन पर काम चल रहा हैं इसी बीच सोशल मीडिया पर तरह-तरह के मैसेज वायरल होते देखें जा रहें हैं इनमें से कई तो फेक साबित हो रहें हैं इसी में से एक आज कल वायरल मेसेज देखा जा रहा हैं जिसमें विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO का हवाला देकर एक लैटर वायरल किया जा रहा हैं पर जानकारी जुटाने पर पता चला हैं कि यह 100% फेक मेसेज हैं इस तरह का कोई प्रोटोकॉल WHO ने जारी नही किया हैं उन्होनें कहा हैं-लॉकडाउन के लिए हमारा कोई प्रोटोकॉल नहीं है वायरल मेसेज को फेक बताते हुए डब्ल्यूएचओविश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने उसके नाम से वायरल हो रहे एक मेसेज पर रविवार शाम स्पष्टीकरण।दिया। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा मेसेज निराधार और फर्जी है और।लॉकडाउन को लेकर संगठन का कोई प्रोटोकॉल नहीं है। दरअसल, दावा था कि 21 दिवसीय लॉकडाउन के बाद 28 दिन का लॉकडाउन लागू होगा।

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