जब से कोरोना वायरस का ख़तरा बड़ा हैं तबसे देश में 2 वस्तुओं की भारी कमी हो गई है, मास्क और सैनिटाइजर लोगों की शिकायतें लगातार सामने आ रही हैं कि बाजार में दोनों ही सामान उपलब्ध नहीं हैं और अगर उपलब्ध हैं भी तो दुकानदार उसे कई गुना दामों पर बेच रहा है, इन वस्तुओं की कालाबाज़ारी भी बताई जा रही है,आवश्यक वस्तु घोषित हुआ मास्क और सैनिटाइजर आवश्यक वस्तु घोषित करने का मतलब ये होता है कि केंद्र और राज्य सरकारों के पास इनके उत्पाद,गुणवत्ता और बिक्री को नियमित करवाने का अधिकार प्राप्त हो जाता है उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने आवश्यक वस्तु क़ानून 1955 के तहत ये फ़ैसला लिया है. साथ ही,सरकार ने नाप तौल कानून के तहत एक एडवाइजरी भी जारी की है ताकि मास्क और सैनिटाइजर को अधिकतम क़ीमत यानि एमआरपी पर बिक्री सुनिश्चित की जा सके 7 साल की क़ैद हो सकती है

अभी इन दोनों वस्तुओं को 30 जून 2020 तक आवश्यक वस्तु की श्रेणी में रखने का फ़ैसला हुआ है, जरूरी वस्तु अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर 7 साल की सज़ा हो सकती है, इसके अलावा ज़ुर्माने का भी प्रावधान किया गया है, सरकार को उम्मीद है कि उसके इस क़दम से मास्क और सैनिटाइजर की कालाबाज़ारी और बेतहाशा क़ीमत वृद्धि पर रोक लग सकेगी जिससे इन दोनों वस्तुओं की आपूर्ति सही दाम पर सुनिश्चित की जा सके,
उपभोक्ता हेल्पलाइन पर भी शिकायत कर सकते हैं
इसके साथ ही उपभोक्ता मंत्रालय ने लोगों को केंद्र और राज्य स्तर पर काम करने वाले राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन पर भी शिकायत करने की सलाह दी है, इसके लिए फोन नम्बर जारी हैं 1800-100-400 जिसपर कॉल करके शिकायत दर्ज करवा सकते हैं,शिकायत दर्ज़ करवाने के लिए राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन की वेबसाइट पर भी जाकर शिकायत दर्ज करा सकते हैं उपभोक्ता