सागर(मप्र)–/सीवर लाइन योजना में ढेरी खामियां सामने आ रही है, नेटवर्क तैयार होते होते सारे शहर की सड़कें मानो उखड़ चुकी हैं पर ठेकेदार अपनी मर्जी से काम कर रहा हैं बताया जा रहा हैं नेटवर्क स्थापित होने के बाद घरों को पाइपलाइन से तो जोड़ा जाएगा लेकिन इसमें सिर्फ टॉयलेट सेप्टिक टैंक के आउटलेट से निकलने वाला पानी से निकलने वाले दूषित पानी की निकासी की ही व्यवस्था रहेगी योजना में किचन, बाथरूम से निकलने वाले पानी के लिए कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं विशेषज्ञों की मानें तो भोपाल व दिल्ली स्तर से हुई इस गलती के कारण शहरवासियों को गंदी नालियों से मुक्ति नहीं मिल पाएगी खेर यह मामला तो काफी बाद का हैं पर फिलहाल जिस तरह से काम चल रहा हैं उस लिहाज़ से सालो और लग सकते हैं काम पूरा होने में और बता दें काम मे गजब की कोताही बरती जा रही हैं सारे नियम ताक पर रख काम जारी हैं तो वही जवाबदार आँख पर पट्टी बांध कन्नी काटते नजर आ रहें हैं इससे साफ जाहिर हैं मिलीभगत.
विशेषज्ञों का कहना है कि सीवर प्रोजेक्ट में बड़े स्तर पर लापरवाही की गई है,नालियां पनालियों में ढलान न होने से दूषित पानी एक ही जगह पर जमा रहता है
शहर की भोगौलिक स्थिति के कारण लगभग हर वार्ड का ड्रेनेज सिस्टम बिगड़ा है ज्यादा अव्यवस्था झील के चारों ओर स्थित वार्डों में देखने को मिल रही है जिसके कारण झील का अस्तित्व खतरे में आ गया है। इसके अलावा बड़ा बाजार, शुक्रवारी, शनिचरी जैसे वार्डों में ड्रेनेज सिस्टम पूरी तरह से ठप है और यहां ओनेपोने तरीके से कार्य कर ठेकेदार लीपापोती कर रहा हैं..
विरोध करने वाले अब शांत क्यों हैं कही मिलीभगत तो नही ?
लंबे समय से सीवरेज का काम शहर में चल रहा हैं शुरुआत में खामियों का जबरजस्त विरोध किया गया पर अब सब शांत हैं यह अपने आप मे सवालिया निशान हैं जहाँ सारा शहर चिल्ला रहा कि यह क्या हो रहा हैं विगत काफी समय से हम लोग नरकीय जीवन जीने विवश है धूल धक्कड़ सड़के खुदी पड़ी हैं तो वही महीनों में एक सड़क पर काम होता हैं.. यहां बता दें कि निगम कमिश्नर आरपी अहिरवार का कहना हैं कि कहाँ हैं खामियां बताओ दिखवाते हैं सही हैं कमिश्नर साहब आपको अगर ठेकेदार की लिपापोती नही दिख रही हैं तो अंधेर हैं..बहरहाल जनता की आवाज सुनने वाला सायद ही अब कोई हैं
गजेंद्र ठाकुर की रिपोर्ट-9302303212