ब्रह्माकुमारियो ने बाँधी 1500 कैदियों को जेल में राखी/ बताया पर्व का यह महत्व महत्व

ब्रह्माकुमारियो ने बाँधी 1500 कैदियों को राखी बताया वास्तविक महत्व[embedyt] https://www.youtube.com/watch?v=zOYg4elvfFk[/embedyt]

साग़र केंद्रीय जेल अधीक्षक राकेश भांगरे की पहल पर मानव विकास संस्थान एवं प्रजापति ब्रम्हाकुमारी की बहनो ने कैदियों को राखी बांध तिलक लगाया

आज मप्र केे सागर केंद्रीय जेल में ब्रह्माकुमारी छाया बहिन जी ने सभी को राखी का अर्थ बताते हुए कहां कि राखी का पर्व मात्र एक पर्व नही अपितु इसमें मान सम्मान रक्षा का बंधन निहित हैं उन्होंने कहाँ की जब हम राखी बांधते है तो एक पवित्र बंधन में बंधते है कि हम बुराइयों से रक्षा करेंगे, हमे अपने गलत स्वभाव संस्कारों को बदल कर स्वयं को इस कसौटी पर खरा उतरना हैं..

जेल में आगे पर्व की चर्चा करते हुए बताया कि धर्म की रक्षा के लिए यह पर्व मनाया जाता हैं बहने भाइयों को तिलक लगाती है तिलक आत्म स्मृति का तिलक लगाना, आत्मिक भाव रखना राखी बांधना एक ऐसा संकल्प या प्रतिज्ञा करना कि सब के लिए सदैव शुभ भावना और कामना रखना, मुँह मीठा करना जिससे हमारे मुख से मीठे बोल ही निकले ब्रह्माकुमारियो ने बाँधी 1500 कैदियों को राखी-क्या रक्षा- बन्धन शारीरिक रक्षा के लिए है ?
सोचने की बात है कि यदि शारीरिक रक्षा ही रक्षा-

बंधन का अभिप्राय होता तो कन्याएं अपने छोटे छोटे अबोध भाइयो को राखी क्यो बाँधती ? क्या छोटा सा अबोध बालक बहन की रक्षा कर सकता है । जबकि उसे रक्षा की खुद जरूरत है ।
रक्षा बन्धन का वास्तविक अभिप्राय

बहने अपने भाइयो को मस्तक पर चंदन का ओर केसर का तिलक देती ओर मस्तक में यह तिलक आत्मा को ज्ञान के रंगों से रंगने अथवा आत्मिक स्मृति में रहने का प्रतीक है तो स्प्ष्ट है कि रक्षा बन्धन भी पवित्रता रूपी धर्म में स्थित होने की प्रतिज्ञा करने अथवा अपने शांत स्वरूप में स्थित होने का पर्व है

ख़बर का असर न्यूज नेटवर्क के लिए गजेंद्र सिंह की रिपोर्ट 9302303212

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