होम मध्यप्रदेश सागर / बुंदेलखंड राजनीति अपराध / क्राइम रिपोर्ट धर्म/अध्यात्म सोशल भारत स्पोर्ट्स खाकी

गांव-गरीब और किसानों को सूचना एवं ज्ञान से वंचित रखने का गलत कदम हैं यह-शोभा ओझा

मप्र कांग्रेस कमेटी की मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझा ने कहा हैं कि गांव-गरीब और किसानों को सूचना एवं ज्ञान से ...

विज्ञापन
Photo of author

Gajendra singh

Post date

Published on:

| खबर का असर

मप्र कांग्रेस कमेटी की मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझा ने कहा हैं कि गांव-गरीब और किसानों को सूचना एवं ज्ञान से वंचित करने का प्रयास सिद्ध होगा आकाशवाणी को बन्द करना जल्द सरकार चालू करें आकाशवाणी की भी माँग उठने लगी हैं अब

भोपाल/ केंद्र में काबिज भाजपा की मोदी सरकार द्वारा आकाशवाणी को अचानक बंद करने का निर्णय गांव- गरीब और किसान को जरूरी सूचनाओं तथा ज्ञान से वंचित करने का प्रयास है।केंद्र सरकार के इस निर्णय से देश के हर वर्ग को मिलने वाली सस्ती, सरल और सहज सूचनाओं से वंचित कर सूचना के अधिकार को प्राइवेट ब्रॉडकास्टिंग करने वाली पूंजीपतियों के हाथ बेचने का काम किया गया है,

RNVLive

यह आरोप मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी की मीडिया विभाग की अध्यक्ष श्रीमती शोभा ओझा ने केंद्र की मोदी सरकार पर लगाया है। अपने आरोप में उन्होंने कहा है कि कांग्रेस की तत्कालीन सरकारों ने जन- सूचना के तंत्र को गांव- गरीब और आम जनता तक पहुंचाने के लिए पहले आकाशवाणी और फिर दूरदर्शन का व्यापक विस्तार कर उन्हें सूचना के द्वारा जागरूक बनाने का प्रयास किया गया है। स्वर्गीय राजीव गांधी ने सूचना क्रांति के द्वारा ज्ञान से समृद्ध भारत का निर्माण करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। मीडिया विभाग अध्यक्ष श्रीमती शोभा ओझा ने आगे कहा है कि आकाशवाणी से संचार के सस्ते, सुलभ और सरल माध्यम से जहां देश के युवाओं को शिक्षा, किसानों को खेती, महिलाओं- बच्चों और आम जनता को स्वास्थ्य के साथ बेहतर जीवन जीने की कला और मनोरंजन के द्वारा समृद्ध बनाने का काम किया है वही आकाशवाणी ने पूरे देश को एक सूत्र में जोड़ने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग अध्यक्ष श्रीमती शोभा ओझा ने भाजपा की केंद्र शासित मोदी सरकार द्वारा आकाशवाणी को बंद करने के निर्णय को बेहद आश्चर्यजनक और दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री की बेहद उबाऊ मन की बातों को जनता द्वारा नकारे जाने के चलते उनसे सूचना का सस्ता, सहज, सरल और सुलभ माध्यम छीन कर इसे पूंजीपतियों हाथों में बेचने का षड्यंत्र किया गया है,उन्होंने सरकार से अपने इस निर्णय को वापस लेकर आकाशवाणी को चालू रखने की मांग की है