एक ख़बर भारत मे (स्किन डिसीज) चर्म रोग की दवाओं का कारोबार कई गुना बड़ा…
आपको बता दें भारत मे यह रोग एक महामारी की तरह फैल रहा हैं और दवाओं का भी कारोबार चमक उठा हैं केमिकल /बायोलॉजिकल युध्द सायद ऐसे ही माने जाते हैं…
ताज्जुब की बात तो यह हैं भारत मे इस बीमारी की पर्टिकुलर दबा नही और जो हैं भी वो अब असर कारक नही…पर डॉक्टर कैसे किसी को बगैर इलाज के जाने देते हैं पर्चा गूदकर ही मानते हैं चाहे आराम हो या जिना हराम…खुजकी का मरीज कुछ दिन बाद पेट का इलाज भी साथ मे कराने लगता हैं क्योंकि हाई एंटीबायोटिक खाने से पेट की स्थिति खराब हो जाती हैं पर खुजली में आराम नही लगता
ज्ञात हो सरकार में बैठी एक मंत्री ने आवारा कुत्तों को मारने पर प्रतिबंध लगा रखा हैं पर मंत्री जी कॉलोनी,गलियों,कस्बो में इन (कुत्तों/कुतियों) के साथ नही रहती अगर रहती तो पता लगता कि ऐसे आवारा कुत्तों की वजह से कई मासूमों की जान जा चुकी हैं…
कई महीनों से रिंग वॉर्मस (गोल खुजली ) आवारा कुत्तों में देखी जा रही हैं, ताज्जुब की बात जब एक आवारा कुत्ते को यह होती हैं तो इसके 15 बीस मित्रों (कुत्तों) को भी यही खुजली देखी गयी हैं साथ ही शहर भर के आवारा कुत्तों में भी पनप चुकी हैं यह दाद नामक बीमारी…
अस्पतालो/डर्मेटोलॉजिस्ट के यहाँ इंसानो की लंबी कतार देखी जा सकती हैं…पर बार बार रोक की पुनरावृत्ति का एक कारण ये आवारा कुत्ते भी हैं
बता दें घर मे प्रवेश के बाद यह बीमारी बच्चों को भी नही छोड़ती….बंगलों वाले सोच रहें होंगे कि हमें क्या हम तो आलीशान बंगले/विला में रहते हैं तो गोर फरमाइए जनाब यह रोग हवा से भी लग जाता हैं खेर भोपाल कलेक्टर ने ऐसे आवारा कुत्तों की नसबंदी का आदेश तब दिया था जब एक दुधमुंहे बच्चे को अपने दांतों में दबोच एक कुत्ता घसीट ले गया था
ऐसे मामले आम बात हो गए पर सरकार वक्त रहते चेत जाए वर्ना इसकी (गोल खुजकी) की चपेट में कोई भी आ सकता हैं.…
✍️गजेंद्र ठाकुर 09302303212