शहंशाह के बॉलीबुड में पूरे हुए 49 साल,लिखी यह कविता..

पूरे हुए अमिताभ बच्चन के बॉलीबुड में 49 साल, लिखी यह कविता, पढ़ें-सुनें

मुंबई–/बॉलीवुड के बादशाह अमिताभ बच्चन के बाॅलीवुड में 15 फरवरी को 49 साल पूरे हो गये. अवशर पर उन्होंने एक कविता लिखी और अपना वीडियो अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट किया अौर कहा कि हां, वे नियमित ब्लॉग लिखते हैं, 49 साल पहले उन्होंने 15 फरवरी 1969 को पहली फिल्म सात हिंदुस्तानी साइन की थी, बॉलीवुड में बिग बी के 49 साल पूरे होने को बच्चन व उनके प्रशंसक एक बड़े उत्सव के रूप में सेलिब्रेट कर रहे हैं, अपने वीडियाे में वह यह कहते दिखते हैं कि जी हां हुजूर प्रतिदिन मैं अपना ब्लॉग लिखता हूं, रोजमर्रा की दिनचर्या के बाद लिखता हूं, मध्यरात्रि में लिखता हूँ साथ ही कहा कि इसे लिखते-लिखते 10 साल हो गये आज उसके तीन हजार 611 दिन पूरे हो गये. अमिताभ बच्चन की पंक्तियां

जी हां हुजूर मैं लिखता हूं
प्रतिदिन मैं अपना ब्लॉग लिखता हूं, मध्य रात्रि को लिखता हूं, हां लिखता मैं अवश्य हूं, इसे लिखते-लिखते 10 साल हो गये आज उसके तीन हजार 611 दिन पूरे हो गये साथ 400-500 EF मिल गए

और निजी परिवार के सदस्य बन गये इन सदस्यों को मैं पहचानता हूं, इनका स्नेह मैं संवारता हूं सुख दुख के साथी बन गये हैं ये जन्म-अंत के साथी बन गये हैं ये न भूलूंगा इनके प्यार को मैं कभी, लाख आलोचना कर ले इनकी-मेरी कोई भी तुम होते कौन हो मुझ पर अपशब्द बोलने वालों लांक्षण आरोप दुरभाषी वालों
सत्य से परे बहकाये गये वालों
स्नेह, प्यार, आदर्श से मिलाप करता हूं ना समझ नहीं समझदार हूं !
मेरे पदचिह्नों को जो समझते हो तुम
उस समझ की समझ से परे हो तुम
बहुतेरे दाग छिड़काये गये मुझ पर
दोषी, अपराधी, दंड बरसाये गये मुझ पर न छुआ शरीर के उन दागों को मैं
न प्रयत्य किया धुलाई, लीपापोती की मैं सालों-सालों वे मेरे आभूषण बन खिले पुष्प बन सुगंधित सजे आकार मुझे मिले सहता रहा उन मालियों के सिंचन कोसौ घड़ा सींचते रहे मेरे इस पौधे को जानते नहीं हो तुम हमारी इस कहावत को ऋतु आये फल होये फल इस जुबानी को समय बलवान होता है मेरे आलाेचक समय के साथ दृष्टि होती है रोचक !!

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